झारखण्ड में बौद्धिक मंथन और इंद्रधनुषी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ चला इप्टा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन
इप्टा की नई कार्यकारिणी का चयन भी किया गया, जिसमें खासतौर से महिलाओं और युवाओं के कंधों पर संगठन का जिम्मा सौंपा गया, अध्यक्ष की जिम्मेदारी मशहूर रंगकर्मी प्रसन्ना को सौंपी।
ब्रज पत्रिका। इप्टा का 15वां राष्ट्रीय सम्मेलन झारखंड के डाल्टनगंज में 17, 18 और 19 मार्च को आयोजित हुआ। इस बार पूरे भारत से लगभग 600 कलाकारों ने भाग लिया। यह सम्मेलन कई दृष्टियों से विशिष्ट रहा। न केवल रंग प्रस्तुतियां बल्कि समकालीन परिदृश्य : मुद्दे और रचना कर्म के अंतर्गत-खेती किसानी का संकट, सामाजिक न्याय, आर्थिक असमानता एवं सांप्रदायिकता, वैज्ञानिक चेतना और तर्क, पर्यावरण, जेंडर के सवाल सरीखे विषयों पर दो सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने अलग-अलग समूह में कार्यशाला आयोजित की गईं, और इप्टा की भावी प्रस्तुतियों में गीत-नाटकों में इन विषयों को मजबूती से उठाने की कार्यनीति और दिशा को तय किया। अगले सत्र में इन कार्यशाला के निष्कर्ष प्रतिभागी साथियों ने प्रस्तुत किए।
इससे पूर्व इप्टा के झंडारोहण बाद रंगयात्रा निकली, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के दलों ने भाग लिया। उत्तर प्रदेश के दल में 33 सदस्य थे। इसके बाद उद्घाटन सत्र और इप्टा से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन हुआ, जिसमें विशेष रुप से ‘इप्टा की अनकही कहानियां’ लेखक-कॉमरेड निरंजन सेन (पूर्व महासचिव, इप्टा) की मूल अंग्रेजी पुस्तक का अनुवाद, जो जाहिद खान द्वारा किया गया है।
इस बार इप्टा अलावा के अलावा बाहर के श्रेष्ठ कलाकारों को प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया गया, जिसमें सूफ़ी गायक मीर मुख्तार अली, लोक गायका नेहा सिंह राठौर, नाटककार लकी गुप्ता, गायक महेंद्र पाल सिंह, पंडवानी कलाकार सीमा घोष, नृत्य निर्देशिका श्वेता सिन्हा और इप्टा की इकाइयों के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन शाम छः बजे से रात 10 बजे तक बड़े मैदान में हजारों दर्शकों के सामने प्रस्तुत हुए और दर्शकों ने इनका भरपूर आनंद लिया।
इप्टा की नई कार्यकारिणी का चयन भी किया गया, जिसमें खासतौर से महिलाओं और युवाओं के कंधों पर संगठन का जिम्मा सौंपा गया। अध्यक्ष की जिम्मेदारी मशहूर रंगकर्मी प्रसन्ना, कार्यकारी अध्यक्ष राकेश, महासचिव तनवीर अख्तर बने हैं। आगरा से डॉ. ज्योत्स्ना रघुवंशी उपाध्यक्ष, दिलीप रघुवंशी सयुंक्त सचिव और भावना रघुवंशी का चयन किया गया। झारखण्ड इप्टा के शैलेन्द्र और उपेंद्र मिश्रा की मेज़बानी में यह सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।