गंगा दशहरा पर माँ यमुना मैया के भक्तों और श्रद्धालुओं द्वारा किया गया रेत से स्नान!
रिवर कनेक्ट अभियान के तहत सरकार को यमुना के संरक्षण के लिए मजबूर करने का अनूठा तरीका निकाला।
ब्रज पत्रिका, आगरा। यमुना में पानी नही सीवेज बह रहा है, पानी के अभाव में भक्तों ने रेत से स्नान किया। दिल्ली में ही यमुना मृत प्राय: हो जाती है, आगरा आते-आते तो यमुना में सिर्फ मल-मूत्र ही रह जाता है। ऐसे में पानी स्नान योग्य तो छोड़िये, पैर रखने योग्य भी नहीं रह जाता। अब ऐसे हालातों में गंगा दशमी पर भक्त और कर ही क्या सकते थे, लिहाज़ा रेत से स्नान किया गया ताकि यमुना प्रेमी इस सांकेतिक विरोध के जरिये सरकार का ध्यान आकर्षित कर सकें।
हाल में आरटीआई द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार अभी भी आगरा में 62 नाले सीधे गिर रहे हैं। भैंसें स्वच्छन्द रूप से यमुना में स्नान करती हैं। धोबी घाट निरंतर सक्रिय हैं। डिटर्जेंट की सारी गंदगी यमुना में बहाई जा रही है। रिवर पुलिस का गठन होना था, लेकिन वो भी सिर्फ कागजों पर ही है।
एनजीटी के स्पष्ट आदेश हैं, यमुना में 65 क्यूसेक पानी निरंतर बहना चाहिये। लेकिन 10 क्यूसेक पानी भी आगरा को नही मिलता। इन सब घटनाओं से उत्पीड़ित होकर यमुना भक्तों और श्रद्धालुओं द्वारा यमुना किनारे रेत स्नान का आयोजन किया गया।
इस अनूठे कार्यक्रम में यमुना आरती महंत जुगल किशोर श्रोत्रिया, डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य, डॉ. हरेंद्र गुप्ता, अधिवक्ता राहुल राज, अधिवक्ता दीपक राजपूत, जगन प्रसाद तेहरिया, चतुर्भुज तिवारी, कुणाल शर्मा, अभिनव श्रोत्रिय आदि शामिल थे।