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खेल मंत्रालय ने वर्ष 2011 की अर्जुन पुरस्कार विजेता वी. तेजस्विनी बाई को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी

मुझे अपने 5 महीने के बच्चे की देखभाल करनी है और इस पैसे से उसके भविष्य पर भी निवेश करना है-वी. तेजस्विनी बाई

ब्रज पत्रिका। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने कर्नाटक की वी. तेजस्विनी बाई के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि को मंजूरी दी है, उन्होंने साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार जीता था। तेजस्विनी वर्ष 2010 तथा 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला कबड्डी टीम की सदस्य थीं।

भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय ओलंपिक संघ तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा खिलाड़ियों के लिए संयुक्त रूप से चलाई जा रही पहल के तहत मौजूदा कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए पूर्व अंतर्राष्ट्रीय एथलीटों एवं कोचों की मदद करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष से इस वित्तीय सहायता को मंजूरी दी गई है।

1 मई को तेजस्विनी और उनके पति के कोविड संक्रमित होने का पता चला था। तेजस्विनी को थोड़ी खांसी है, लेकिन वह घर पर रह कर ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रही हैं, जबकि उनके पति नवीन ने 11 मई को इस महामारी से दम तोड़ दिया था।

वह केवल 30 वर्ष के थे, लेकिन अपने पिता की मृत्यु के बाद वह बहुत घबरा गए थे।

तेजस्विनी ने बताया है कि,

“यह डर और तनाव ही था, जिसने उनकी जान ले ली।”

वित्तीय सहायता मिलने पर, उन्होंने कहा कि,

“मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय ओलंपिक संघ ने सहायता देने का यह निर्णय लेने के लिए बहुत ही त्वरित कार्रवाई की है।”

यह पहली बार है जब हमें इस तरह की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि,

“हम जैसे बहुत से लोगों को आर्थिक समस्या है और यदि हमें उचित मदद मिले तो अच्छा लगता है।”

तेजस्विनी ने बताया कि,

“उन्हें इस पहल के बारे में कर्नाटक खेल समिति के सदस्य तथा पूर्व अर्जुन पुरस्कार विजेता होन्नप्पा गौड़ा से पता चला और अब वह अपने बच्चे के भविष्य की सुरक्षा के लिए पैसे का निवेश करना चाहती हैं।”

उन्होंने कहा कि,

“मुझे अपने 5 महीने के बच्चे की देखभाल करनी है और इस पैसे से उसके भविष्य पर भी निवेश करना है।”

तेजस्विनी ने कहा कि,

“वह अब एकल अभिभावक हैं और उन्हें अपने बच्चे के लिए कुछ करना होगा।”

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