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कालजयी रचनाओं से सदैव जीवित रहेंगे द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी-दुर्गा शंकर मिश्र

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने किया प्रतिमा का अनावरण, समारोह में विख्यात चिकित्सक डा. ज्ञान प्रकाश व समाजसेवी मुकेश जैन को मुख्य सचिव ने सम्मानित किया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा है कि विख्यात साहित्यकार व बच्चों के गांधी स्व. द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की रचनाएं कालजयी थीं, जिनसे वे युग-युगों तक जन-जन के हृदय में जीवित रहेंगे। उनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।मुख्य सचिव ने रोहता स्थित द्वारिका ग्रीन में द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की प्रतिमा का अनावरण किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि,

“मैंने कक्षा एक में उनकी कविताओं को पढ़कर साहित्य पढ़ने की शिक्षा ली। जीवन के सिद्धांतों को सीखा। चंदा मामा दूर के…, वीर तुम बढ़े चलो…, यदि होता किन्नर नरेश तो मैं राजमहल में रहता…जैसी काव्य रचनाएं जन-जन के जीवन में आज भी एक उत्साह और उमंग पैदा करती हैं।”

माहेश्वरी जी के साथ कई संस्मरणों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि,

“वर्ष 1996 में जब मैं जिलाधिकारी के पद पर आगरा आया तो कुछ ही दिनों बाद एक स्कूल के समारोह में उनसे मुलाकात हुई। वे अध्यक्षता कर रहे थे और मैं मुख्य अतिथि था। जैसे ही उन्होंने परिचय दिया, मैं गदगद हो गया और कार्यक्रम के समापन होने के आधा घंटे बाद ही उनके घर पहुंच गया। तब बहुत सारी बातें हुईं। आज उनकी ही प्रतिमा अनावरण के समय मुझे वे सारी बातें याद आ रही हैं, ऐसा लग रहा है, जैसे वे मेरे साथ अभी भी हैं।”

समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वाधीनता सेनानी व नागरी प्रचारिणी सभा की सभापति रानी सरोज गौरिहार ने कहा कि,

“माहेश्वरी जी ने जीवन में सदैव बच्चों को नई दिशा देने वाली रचनाएं लिखीं, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

कार्यक्रम स्वागताध्यक्ष समाजसेवी पूरन डावर ने कहा कि,

“साहित्यकारों की इस धरती पर माहेश्वरी जी एक विशेष प्रतिभा थे, उनकी प्रतिमा को स्थापित कर हम स्वयं धन्य हुए हैं।”

कार्यक्रम संयोजक डा.विनोद माहेश्वरी ने आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। समारोह में विख्यात चिकित्सक डा. ज्ञान प्रकाश व समाजसेवी मुकेश जैन को मुख्य सचिव ने सम्मानित किया। मंच पर प्रकाशक चंद्र मोहन अग्रवाल भी मौजूद थे। प्रारंभ में डा. शशि तिवारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की प्रपौत्री आहाना माहेश्वरी ने अपने बाबा की रचना प्रस्तुत की।

अतिथियों का स्वागत महंत योगेश पुरी, राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, वाईके गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार आनंद शर्मा ने किया। डा.आर.एस. पारीक, एस.एन. मेडिकल कालेज के प्रिंसीपल डा. प्रशांत गुप्ता, अरुण डंग, के.सी. जैन, आदर्श नंदन गुप्ता, चिकित्सक डा. रूपक सक्सैना, चिकित्सक डा.एम.सी. शर्मा, अवधेश उपाध्याय, वत्सला प्रभाकर, श्रुति सिन्हा, दीपक सरीन, सुमन सुराना, डा. देवी सिंह नरवार, प्रतिभा जिंदल, रिया माहेश्वरी, कुंज बिहारी माहेश्वरी आदि ने प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। डा. प्रांजल माहेश्वरी, डा. हर्षा माहेश्वरी, प्रांतिक माहेश्वरी, रिया माहेश्वरी, सीमा माहेश्वरी आदि ने व्यवस्थाएं संभाली। संचालन कवि सुशील सरित ने किया। डा. मुनीश्वर गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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