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सिंधु जो आए समाते ही गये, भर नहीं पाया कमण्डल आपका-सुकुमार

ब्रज पत्रिका, आगरा। सर्वजन वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में आनलाइन वीडियो व्यंग्य-हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें रचनाकारों ने शानदार रचनाओं का पाठ किया। सम्मेलन के अध्यक्ष निवर्तमान ज़िला जज वाराणसी एवं नामचीन ग़ज़लगो डा. चन्द्रभाल सुकुमार ने ग़ज़लें सुनाते हुए शेर पढा़-
“सिंधु जो आये समाते ही गये,
भर नहीं पाया कमण्डल आपका।”
मुख्य अतिथि दिल्ली की अंतरर्राष्ट्रीय कवयित्री डा.कीर्ति काले की कोरोना पर हास्य रचना थी-
“कोरोना तेरी बहुत हुई मनमानी।”
वरिष्ठ साहित्यकार डा.मधु भारद्वाज के अनूठे सांकेतिक संचालन ने समय की प्रतिबद्धता की मिसाल कायम की। डा.शशि गोयल की उल्लूवाहिनी लक्ष्मी जी के पति की दुविधा से प्रारम्भ इस कवि सम्मेलन पर धन्यवाद ज्ञापित किया हैदराबाद की प्रमुख साहित्यकार डा. कुमुद बाला ने।
सामयिक संदर्भित तेज बोछारों से प्रबुद्ध श्रोताओं को सराबोर करने वालों में मुंबई के डा.जे.पी.बघेल, कोटा के रामू भैया, अमेरिका से डा.शशि गुप्ता, बुलंदशहर से यतीश अकिंचन  एवं डा.राजेन्द्र मिलन, सुशील सरित, हरीश अग्रवाल ढपोरशंख, शैल अग्रवाल शैलजा, अनिल शर्मा और मीरा परिहार आदि उल्लेखनीय हैं। सोसाइटी के महासचिव राहुल सिंह मिलन ने इस तक़नीकी प्रोग्राम को खूबसूरत ढंग से सहेजकर प्रसारित किया, जो विशेष चर्चा का विषय रहा।

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