‘खुशियों का एक दीया जलाओ’- एण्ड टीवी पर दिवाली स्पेशल एपिसोड्स प्रसारित
एण्ड टीवी के लोकप्रिय सितारों ने दीवाली स्पेशल एपिसोड्स की शूटिंग के अनुभव किए साझा।
ब्रज पत्रिका। रौशनी के त्यौहार दिवाली पर इस साल, एण्ड टीवी ने ‘खुशियों का एक दीया जलाओ‘ अभियान के माध्यम से, अपने सभी दर्शकों को एक साथ मिलकर खुशियां मनाने और उम्मीदों की रौशनी से गरीबों की जिंदगी को रौशन करने एवं एक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर, एण्ड टीवी के कलाकारों, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ केे दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी), ‘भाबी जी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) और ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ की गुड़िया (सारिका बहरोलिया) ने अपने शोज के दिवाली स्पेशल ट्रैक की कुछ झलकियों और शूटिंग के अनुभवों के बारे में बात की।
योगेश त्रिपाठी ने कहा,
“हप्पू के हाथ कुछ पुराने प्रेम खत लगते हैं और बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) उन्हें नष्ट करने के लिए चेतावनी देता है, लेकिन पलटन को इसके बारे में पता चल जाता है। हप्पू पर सभी का गुस्सा फूट पड़ता है और राजेश (कामना पाठक) और कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) उसे फटकार लगाती हैं, और उसे तुरंत ही घर छोड़ने का आदेश देती हैं। कहीं न जाने के लिए, हप्पू एक योजना बनाता है और वो मनोहर को सुनीता का रूप धारण करने के लिए कहता है। समानांतर रूप से गड़बड़ी तब बढ़ती है जब कमिश्नर भी एक तुलनात्मक स्थिति में फंस जाता है, जहां हप्पू की बात सुनने के बाद वह सुनीता के रूप में हप्पू के घर में पनाह लेने के लिए मना कर देता है। दिलचस्प बात यह है कि असली सुनीता भी वहां पहुंच जाती है और इस पूरे भ्रम और गड़बड़ी को संभालने में लग जाती है। खुशियों का एक दीया जलाओ के जोश की तर्ज पर, पूरा परिवार मतभेदों को भुलाने और दिवाली के आनंददायक जश्न में शामिल होने का निर्णय लेता है।”
आसिफ शेख ने बताया,
“विभूति अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) द्वारा बनाए गए लड्डुओं को आनंद ले रहा है तभी प्रेम उसे सिंघानिया स्टील कंपनी के मालिक की तरफ से दिवाली के लिए आए लड्डुओं के एक बड़े ऑर्डर के बारे में बताता है। विभूति अंगूरी के नाम का सुझाव देता है, लेकिन उन्हें इसके लिए राजी करने से पहले उसे पहले तिवारी (रोहिताश्व गौर) को समझाना पड़ा। अंततः, तिवारी और अंगूरी दोनों इसके लिए मान जाते है। जहां हर कोई जश्न के मूड में होता है, तभी प्रेम को यह पता चलता है कि सिंघानिया दिवालिया हो चुका है, लेकिन वह इस बारे में किसी को नहीं बताता है। अंगूरी और तिवारी अपने ऑर्डर के साथ तैयार हैं, लेकिन विभूति तब हैरान हो जाता है जब वह एक भिखारी से टकराता है जो खुद को मिस्टर सिंघानिया बता रहा था। इससे पहले कि वह इस बारे में किसी को बताए, अंगूरी और बाकी सभी लोगों को इसका पता लग जाता है, जिसके लिए विभूति को फटकार लगती है। नसीब से, मिस्टर सिंघानिया को फिर से अपनी पोजीशन और पावर वापस मिल जाती है और वह अंगूरी भाबी से बाजार के दुगुने दाम पर लड्डू खरीदता है, जिससे हर कोई आश्चर्यचकित और खुश हो जाता है। पूरी मॉडर्न कॉलोनी बड़े पैमाने पर दिवाली का जश्न मनाती है।”
सारिका बेहरोलिया ने कहा,
“इस दिवाली, गुप्ता परिवार में डबल धमाका हुआ है। क्योंकि जश्न की पूरी तैयारी थी, पूरा परिवार गुड़िया के अलग जिप्सी (बंजारा) अवतार को देखकर दंग रह जाता है। लेकिन जल्दी ही उन्हें यह एहसास हो जाता है कि यह गुड़िया नहीं बल्कि उसकी हमशक्ल है। झुमरी एक बंजारन है, जो मुंहफट, बद्तमीज और असभ्य है क्योंकि उसने बहुत ज्यादा संघर्ष देखा है और उसने एक बहुत ही कठिन जीवन जिया है। वह हर किसी की खिंचाई करती है, लेकिन गुड़िया के आग्रह करने पर, परिवार उसे घर पर रहने देने का निर्णय लेता है। वह गुड़िया को बिलकुल भी पसंद नहीं करती और यहां तक कि वह गुड़िया की तरह हरकतें कर गुड्डू (करम राजपाल) को लुभाने की कोशिश भी करती है लेकिन इसमें नाकाम होती है। एक लड़का गुड़िया को देखने के लिए आता है, पर वह दो गुड़िया देखकर हैरान हो जाता है। इसे खत्म करने के लिए गुड़िया भूमिका को उल्टा करने का एक प्रस्ताव रख देती है और झुमरी के रूप में घर से बाहर निकल जाती है। हालांकि झुमरी हमेशा सबके साथ असभ्यता से बर्ताव करती लेकिन इसके बाद भी पूरा परिवार उसके बारे में अच्छी बातें कर रहा है यह देखकर झुमरी भावुक हो जाती है और उसका दिल बदलने लगता है। वह हर किसी को अदला-बदली की कहानी बताकर सब कुछ खत्म करती है, और परिवार को उनकी लाड़ली गुड़िया वापस मिल जाती है। यह कहानी एक मजबूत संदेश देती है कि कैसे गुड़िया की अच्छाई, दयालुता और सकारात्मकता झुमरी को एक दयालु इंसान बनाने और दूसरे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने का अहसास कराती है।”