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आगरा के सांसद रहे पूर्व मंत्री अजय सिंह के निधन से समूचे ब्रज सहित देशभर में शोक की लहर

ब्रज पत्रिका, आगरा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिजी के पूर्व उच्चायुक्त अजय सिंह का गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में 10 जून को प्रातःकाल निधन हो गया। 1999 में उन्होंने आगरा लोकसभा से चुनाव जीता था। इसके बाद वह केंद्रीय सरकार में रेल उपमंत्री रहे। प्रथम बार आगरा को केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिलाया। उन्होंने आगरा के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई व कार्यान्वित कराई। उन्होंने आगरा की गूंज न केवल संसद बल्कि विदेशों में भी पहुंचाई। अजय सिंह के आकस्मिक देहांत से आगरा सहित पूरे ब्रज क्षेत्र में शोक की लहर छा गयी। देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में भी उनके निधन से शोक की लहर छा गयी है। एक निर्विवाद छवि के अजय सिंह का असमय जाना, सबको स्तब्ध कर गया है।
अजय सिंह का जन्म 15 अगस्त 1950 में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय कैप्टन भगवान सिंह प्रथम बैच के आईएएस थे जो खुद भी फिजी के उच्चायुक्त रहे थे। अजय सिंह ने सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन केंटवरी विश्वविद्यालय न्यूजीलैंड से पत्रकारिता में किया। शिक्षा प्राप्त करने के बाद पब्लिसिटी और प्रमोशन ऑफिसर रहे। 1976 में भारत लौटे। 1977 से 1980 तक इंडिया टुडे में समाचार संपादक रहे। हिंदुस्तान टाइम्स में भी डिप्टी एडिटर के पद पर कार्य किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के कहने पर नौकरी छोड़ी और उनके साथ किसान ट्रस्ट का काम संभाला। उसके मैनेजिंग ट्रस्टी पद पर कार्य किया। चौधरी चरण सिंह के देहांत बाद किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे। 1986 से 99 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। सन 1999 में उन्होंने आगरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और उसे जीता। इसके बाद वह केंद्रीय सरकार में रेल उपमंत्री भी रहे थे। वर्ष 1996 में मानव संसाधन मंत्रालय में सीसीआरटी के चेयरमैन रहे। वर्ष 2005 में भारत सरकार ने उन्हें फिजी का उच्चायुक्त नियुक्त किया। अजय सिंह ने कई किताबें लिखी हैं, वर्तमान में भी एक किताब लिख रहे थे। कुछ वर्ष पूर्व ही अजय सिंह की धर्मपत्नी शिरोमणि का भी देहांत हो गया था।
पूर्व मंत्री अजय सिंह 31 मई 2015 को उपजा आगरा द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर होटल जेपी पैलेस में आयोजित राष्ट्रीय पत्रकार गोष्ठी में भी बतौर अतिथि पधारे थे, उनके ओजस्वी भाषण को याद करते हुए उपजा के वरिष्ठ पदाधिकारी विवेक जैन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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