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बेरोजगारी होगी दूर, प्रतिभा का रुकेगा पलायन और प्रदूषण के कारण बाधित आगरा के उद्योग जगत को मिलेगी नई ऊर्जा: राजा अरिदमन सिंह

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आगरा में आईटी सिटी हेतु मुख्यमंत्री और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को भेजा पत्र।

यह पत्र आगरा के समस्त विधायकों और सांसद जी को भी प्रेषित किया है।

आईटी सिटी बनने से भविष्य में हैदराबाद और बैंगलोर की तर्ज पर आईटी आधारित उद्योग होंगे स्थापित।

ब्रज पत्रिका, आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर आगरा में आईटी सिटी का निर्माण कराए जाने की मांग की है।

राजा अरिदमन सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, जब वे वर्ष 1998-99 में उत्तर प्रदेश सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री थे, तब आईटी एवं आईटी इनेबल्ड सर्विसेज के लिए नोएडा के बाद उत्तर प्रदेश में जनपद आगरा को सबसे उपयुक्त पाया गया था। उनके मंत्रित्व काल में आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करने के लिए 12 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी, लेकिन मंत्रालय बदलने के बाद उक्त कार्यवाही ठप हो गई।

तहसील एत्मादपुर में थीम पार्क की स्थापना हेतु 1200 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी किंतु डेवलपर द्वारा कोई रुचि न लेने के कारण जमीन अनुपयुक्त पड़ी हुई है। उक्त जमीन पर आईटी पार्क/आईटी आधारित उद्योगों की स्थापना हो सकती है।

उन्होंने आगरा में पहले से बेहतर हुई ट्रेन कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी और रोड कनेक्टिविटी के साथ-साथ आगरा में उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्रों और विश्व स्तरीय पर्यटन के केंद्र ताजमहल का हवाला देते हुए आगरा में आईटी सिटी का निर्माण कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई।

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह कहा है कि,

“आगरा जनपद की तहसील एत्मादपुर में थीम पार्क के लिए पूर्व में अधिग्रहित जमीन पर आईटी सिटी का निर्माण कराया जाना चाहिए। इससे भविष्य में हैदराबाद और बेंगलुरु की तर्ज पर आगरा में आईटी आधारित उद्योग स्थापित होने की संभावना है। इससे आगरा व आसपास के जनपदों में बेरोजगारी की समस्या का निराकरण होगा। साथ ही जनपद के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का नोएडा, गुड़गांव, चेन्नई और बेंगलुरु की ओर पलायन बंद हो जाएगा तथा योग्य एवं अनुभवी छात्र यहीं रह कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। वहीं दूसरी ओर प्रदूषण की तलवार लटकी होने के कारण आगरा में बाधित उद्योग जगत को आईटी सिटी स्थापित होने से एक नई ऊर्जा मिलेगी।”

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