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नहीं रहे ‘ब्रज रत्न’ और 5 बार के पूर्व विधायक चौधरी बदन सिंह, 97 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से 5 बार रहे थे विधायक चौधरी बदन सिंह।

उनकी पुस्तक ‘ब्रज के ब्याह गीत’ काफी मशहूर है। वर्ण मंजरी, ब्रज के भूले बिसरे कवि नामक पुस्तकें भी उन्होंने लिखीं।

ब्रज पत्रिका, आगरा। फतेहपुर सीकरी विधानसभा से पांच बार विधायक रहे चौधरी बदन सिंह का आज निधन हो गया। उन्हें राजनीति का भीष्म पितामह कहा जाता था। वर्ष 2021 में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उन्हें ब्रज रत्न अवार्ड से सम्मानित किया था। फतेहपुर सीकरी क्षेत्र से 5 बार विधायक रहे चौधरी बदन सिंह का गुरुवार दोपहर 12 बजे निधन हो गया। स्वंतत्रता सेनानी रहे 97 साल के चौधरी बदन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के अनुयाई थे।

उनके बेटे डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि,

“वे पूरी तरह स्वस्थ थे। कोरोना महामारी के दौरान वह 2 बार संक्रमण की चपेट में आए थे, लेकिन दोनों बार वह कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए थे। अचानक वह हमें छोड़कर चले गए।”

उनका अंतिम संस्कार 2 दिसम्बर को ग्राम रिठौरा, थाना कागारौल, तहसील किरावली में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास चारबाग, शाहगंज में और गाँव में उनके समर्थकों का तांता लगा रहा।

लोक गीतों के लेखन से बनाई अलग पहचान

आगरा। चौधरी बदन सिंह के राजनीतिक जीवन की बात करें तो उनके मुकाबले पर चुनाव लड़ने के लिए हर कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता था। वह अपने क्षेत्र के राजनीतिक धुरंधर थे और उन्हें समर्थक राजनीति का भीष्म पितामह कहते थे। राजनीतिक चेहरा होने के साथ ही वह अच्छे लेखक भी थे। उनकी पुस्तक ब्रज के ब्याह गीत काफी मशहूर है। इसमें ब्रज के गीतों का संकलन है। वर्ण मंजरी, ब्रज के ब्याह गीत, ब्रज के भूले बिसरे कवि नामक पुस्तकें उन्होंने लिखीं। उनके 3 बेटे और 3 बेटियां हैं। एक बेटे डॉ. एस.पी. सिंह पेशे से चिकित्सक हैं। उनके निधन पर इन्क्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर, महासचिव अजय शर्मा, समन्वयक ब्रजेश शर्मा आदि ने शोक व्यक्त किया है।

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