‘विश्व मासूम दिवस’ पर कवियों ने मासूमियत को काव्य रचनाओं से किया मुखर
ब्रज पत्रिका, आगरा। ‘विश्व मासूम दिवस’ के अवसर पर भारतीय बैंकर्स क्लब और साहित्य संगीत संगम के संयुक्त तत्वावधान में चार जून को एक ऑनलाइन वीडियो काव्य समारोह का आयोजन किया गया। शुभारंभ मां वाणी की वंदना से पूजा तोमर ने किया। डॉ. राजेन्द्र मिलन ने स्वागत करते हुए आज के दिन के औचित्य का वर्णन किया और कहा कि विश्व में जो बच्चे किसी भी तौर पर प्रताड़ित होते हैं उन्हें यह कविताएं भावनात्मक शक्ति देंगी। आयोजन में मुंबई, झांसी और आगरा के लगभग ढाई दर्जन रचनाकारों ने भाग लिया। सभी ने बच्चों के प्रिय पात्र चिड़िया, बंदर, हाथी, रेलगाड़ी इत्यादि पर केंद्रित रचनाएं प्रस्तुत कीं। समारोह में प्रमुख रूप से भागीदारी की मुख्य अतिथि के रूप में नन्हीं बालिका आकृति बंसल ने, उन्होंने एक नन्हीं कविता का पाठ भी किया। अशोक अश्रु ने बच्चे क्या हैं, उनका स्वरूप क्या है, इसका वर्णन किया। इसके उपरांत निहाल शिवहरे (झांसी), डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. शेष पाल सिंह ‘शेष’, यशोधरा यादव यशो, रमेश आनंद, मुकेश मित्तल, रमा वर्मा, प्रेम राजावत, बबीता, सुप्रीत शर्मा (मुम्बई), ममता सिंह, शैलजा अग्रवाल, शशि गोयल, चारु मित्रा, सर्वज्ञ शेखर, राकेश निर्मल, सुनीता, सुवेन्द्र आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। संचालन सुशील सरित ने किया। धन्यवाद ज्ञापित किया सुधीर शर्मा ने। तकनीकी सहयोग दिया राहुल सिंह ने।