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कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक न रोका जाये दाह संस्कार-अशोक गोयल

ब्रज पत्रिका, आगरा। इस समय पूरा देश और दुनिया कोरोना महामारी के संक्रमण से जूझ रही है। ऐसे में शासन- प्रशासन के साथ-साथ चिकित्सा कर्मी भी अपनी भूमिका मुस्तैदी के साथ निभा रहे हैं। फिर भी, कहीं न कहीं कुछ ऐसा है, जो मन को खलता है।
ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया। आगरा में 22 अप्रैल को सुबह 11:00 बजे नौलक्खा, सदर निवासी 54 वर्षीय सर्राफा व्यापारी श्री निरंजन लाल अग्रवाल की सांस उखड़ी तो उनके बेटे रोहित अग्रवाल उन्हें डिस्ट्रिक हॉस्पिटल दिखाने ले गए जहां उनकी मृत्यु होने पर 11:00 बजे सुबह अस्पताल प्रशासन ने डेड बॉडी को अपने कब्जे में ले लिया और कोरोना जांच के लिए उनका सैंपल लेकर लखनऊ भेज दिया।
22 तारीख की सुबह 11:00 बजे से मृतक का परिवार 2 दिन तक प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों से गुहार करता रहा कि मृतक का अंत्येष्टि संस्कार करा दिया जाए लेकिन प्रशासन यह कहकर टालता रहा कि जब तक कोरोना की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक अंत्येष्टि संस्कार का काम नहीं होगा।
इस बीच मृतक का पूरा परिवार बिना खाए पिए भूखा प्यासा गमगीन हाल में बैठा रहा। एक तो अपने प्रिय का अचानक दुनिया छोड़कर चले जाने का गम, ऊपर से 2 दिन तक अंत्येष्टि के लिए लटके रहना, भूखे प्यासे उनके अंतिम दर्शन के लिए इंतजार करना.. ऐसे में उन पर क्या बीती होगी, इसका अंदाजा कोई भी संवेदनशील व्यक्ति सहज ही लगा सकता है।
यह कहना है क्षेत्र बजाजा, हेल्प आगरा व सत्यमेव जयते जैसे प्रमुख सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रमुख समाजसेवी श्री अशोक गोयल का।
उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह अपील की है कि कोरोना जांच रिपोर्ट आने तक मृतक का दाह संस्कार न रोका जाए, ताकि किसी और शोकाकुल परिवार को ऐसे गमगीन वातावरण में यह वेदना न सहनी पड़े।

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