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लता मंगेशकर जी से वो पहली मुलाक़ात का सुखद एहसास मुझे आज भी याद

आगरा, ब्रज पत्रिका
मेलोडी को लोग सुनना चाहते हैं मगर फिल्मों में इसको कम लिया जा रहा है, ये दुखद है। रफी साहब, किशोर दा सरीखे कई नामचीन गायकों ने मेलोडी को फिल्मी संगीत का हिस्सा बनाकर लोगों को मेलोडी का आनंद दिलाया। ये कहना है पार्श्व गायिका मिष्ठु वर्धन का जो यहाँ श्री हरि सत्संग समिति (वनवासी कल्याण फाउंडेशन परिवार) के कार्यक्रम में अपने सुरों की सरिता बहाने आयी थीं। मिष्ठु ने आरबीएस कॉलेज के सभागार में अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम से पूर्व द जेल रेस्टोरेंट में ब्रज पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा आज बहुत दुख होता है जब फिल्मों में द्विअर्थी गीतों को सुनते हैं। जब अच्छे गीत हमारे पास हों तो गंदे गीत और नृत्य की आवश्यकता ही क्या है? मैं तो लता दीदी की दीवानी हूँ इसलिए उनके गाये गीत गा गाकर इस मुकाम तक आ पहुँची हूँ। आज मेरे लिए बड़े ही फख्र की बात है कि मेरी आवाज़ को हूबहू लता जी की आवाज़ की संज्ञा दी जाने लगी है। लता मंगेशकर जी से अपनी पहली मुलाक़ात का वो सुखद एहसास आज भी है याद। उनके बंगले पर मैं जब उनसे मिलने गयी तो वहाँ सुरक्षा गार्ड्स और उनके स्टाफ ने नहीं मिलने दिया था, जब मैं उनसे मिलने की ज़िद पर वहीं डटी रही और उनको किसी ने ये जानकारी दी तो उन्होंने मुझे खुद बुलाया, जब पहली बार उस महान शख़्शियत को मैंने देखा तो सहसा विश्वास नहीं हुआ कि इतनी बड़ी हस्ती और इतनी अधिक सहज-सरल। उन्होंने बड़े प्यार से मुझसे बात की और मैंने भी अपनी भावनाओं का इज़हार किया, कि मैं आपकी आवाज़ की दीवानी हूँ इसके ही सहारे अपनी संगीत साधना में जुटी हूँ और करियर बनाने में जुटी हुई हूँ, उन्होंने बड़े प्यार भरे अंदाज़ संग मुझे आशीर्वाद दिया। ये मेरे लिए बहुत ही अनमोल क्षण थे जो आजीवन मुझे याद रहेंगे। असम से ताल्लुक रखने के कारण भूपेन हजारिका जी को लेकर भी बेहद गौरवान्वित महसूस करती हूँ। मेरी बदकिस्मती है कि मैं कभी उनसे मिल नहीं पायी। मेरे ख्याल से थोड़ा सा अलग थी उनकी शख्सियत। ब्रज में बाँके बिहारी जी को लेकर ग्लैमर लाइव फिल्म्स द्वारा तैयार की गई एक एल्बम के लिए भी आपने गाया है अब उसी ब्रज भूमि पर आकर कैसा महसूस कर रही हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा उनकी शरण में आकर खुद को धन्य महसूस कर रही हूँ मैं। असम की अशांति से बहुत व्यथित हूँ इतनी सुंदर जगह की शांति भंग नहीं होनी चाहिए।

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