गर्भधारण, गर्भपात और प्रसव जैसी समस्याओं का सहज समाधान कर सकती है गौ माता
गोमूत्र में उपस्थित हार्मोंस बाँझपन की समस्या से मुक्ति दिलाते हैं : संत गोपालानंद
ब्रज पत्रिका, आगरा। वेद लक्षणा गौ माता संपूर्ण मानव जीवन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महाभारत इस बात का प्रमाण है कि गौ माता गर्भधारण, गर्भपात और प्रसव जैसी समस्याओं का सहज ही समाधान कर सकती है। सप्त माह की गर्भिणी गौ माता के मूत्र में उपस्थित हार्मोंस बाँझपन की समस्या से मुक्ति दिलाते हैं। ये उद्गार राजस्थान से पधारे संत गोपालानंद जी ने सूरसदन में चल रहे गौ महिमा महोत्सव के आठवें दिन सोमवार शाम व्यक्त किए।
मत्स्य पुराण का हवाला देते हुए संत गोपालानंद जी बताया कि,
“गौ माता के गोबर के कंडे की भस्म गर्भपात की समस्या का समाधान करती है।”
महाभारत के विराट पर्व के अनुसार उन्होंने बताया कि,
“उत्तम बैल का मूत्र सूँघने से गर्भाशय का संक्रमण समाप्त हो जाता है। कामधेनु चिकित्सा चंद्रोदय के अनुसार प्रसव वेदना से परेशान स्त्री को शुद्ध गौ गोबर का रस पिलाने पर सामान्य प्रसव हो जाता है।”
यही नहीं, बालक के विविध संस्कारों में भी गौ माता का महत्व है। छांदोग्य उपनिषद के अनुसार गौ माता विद्यार्थी को सुपात्र बनाकर सहज संपूर्ण विद्या ग्रहण करवा देती है।
शिव महापुराण कथा सुनाते हुए पूज्य श्री रसराज जी महाराज ने बताया कि,
“सोमवार के दिन नागेश्वर की पूजा का विशेष महत्व है। पार्थिव रूप में भी नागेश्वर बना कर उनकी पूजा करनी चाहिए। नागेश्वर की पूजा से काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे शत्रुओं का नाश हो जाता है।”
इस दौरान ‘शिव भोले भंडारी, शरण आए हम तिहारी’ भजन पर सब झूम उठे।
सुबह की बेला में सैकड़ों भक्तों ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर भोलेनाथ का अभिषेक और पूजन किया। पार्षद मुरारी लाल गोयल, पूर्व पार्षद कुंदनिका शर्मा, सुमन गोयल, ऋषि उपाध्याय, कुमकुम उपाध्याय, प्रवीण भारद्वाज, इंद्रदीप जैन, नितेश बंसल एड., प्रियंका ठाकुर, विनोद गर्गाचार्य, सुधीर आर्य, अर्जुन शर्मा ने आरती उतारी।
गौ महिमा महोत्सव का समापन आज
पार्षद मुरारीलाल गोयल ने बताया कि,
“नव दिवसीय गौ महिमा महोत्सव का समापन 22 जुलाई, मंगलवार को होगा। शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे के दौरान संत गोपालनंद जी गौ महिमा और रसराज जी महाराज शिव महापुराण का वर्णन करेंगे।”
महिलाएँ आकर प्राप्त करें मंगल कलश
पूर्व पार्षद कुंदनिका शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई को शाम 5 से 7 बजे तक सूरसदन में महिलाओं को उनका मंगल कलश वापस दिया जाएगा। मंगल कलश लेने के लिए साथ में कूपन लेकर आना अनिवार्य है।