UA-204538979-1

सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के एमबीए, 1997 बैच के पूर्व छात्रों की री-यूनियन हास-परिहास के वातावरण में हुई संपन्न

सभी छात्र ‘द ग्रीन्स’ रेस्टोरेंट में एकत्रित हुए और उन्होंने अपने पूर्व शिक्षक कर्नल डॉ. सी. के. सिंह का सपत्नीक सम्मान करने के साथ उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के एमबीए, 1997 बैच के पूर्व छात्रों की री-यूनियन मीट हर्षोल्लासभरे वातावरण में संपन्न हुई। पुरातन छात्रों ने 25 साल बाद अपनी पुरानी यादें ताज़ा कीं। अपने बैच की रजत जयंती के अवसर पर छात्र, छात्राओं ने रविवार को पहले अपने इंस्टिट्यूट (SPCJIM ) में घूम-घूम कर पुरानी यादें ताज़ा कीं और विद्यार्थी जीवन की अपनी पुरानी यादों में डूब गये।

कुछ इस तरह के अंदाज़ों में एक दूसरे से सभी पुरातन छात्र मिल रहे थे-अनंत तू कैसा है, हमारे विनोद खन्ना नहीं दिख रहें हैं, अपने शाहरुख खान से आज तो एक्टिंग भी करवानी है। हास-परिहास के वातावरण में री-यूनियन के कार्यक्रम संपन्न हुए। इसमें देश के अलग-अलग शहरों से आये 1997 बैच के कुछ पूर्व छात्र यहाँ अपने परिवार के साथ भी आ पहुँचे थे। दोपहर के बाद री-यूनियन में शामिल होने के लिए आये हुए सभी छात्र ‘द ग्रीन्स’ रेस्टोरेंट में एकत्रित हुए और उन्होंने अपने पूर्व शिक्षक कर्नल डॉ. सी. के. सिंह का सपत्नीक सम्मान करने के साथ उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

डॉक्टर सी. के. सिंह ने इस मौके पर कहा कि,

“पच्चीस साल के बाद भी सभी में वही जोश और बचपना है। सभी अपनी नौकरी/व्यवसाय में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कुछ के तो बच्चे भी बड़े होकर मैडिकल, इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई कर रहे है। आप सभी को मेरा आशीर्वाद और शुभकामनाएँ।”

पूर्व छात्र पंकज गर्ग ने बताया कि, कुछ छात्र विदेश में होने के कारण नहीं आ पाए हैं। आगरा के पंकज गर्ग ने ही बैच के 25 साल पूरे होने पर अपने बैच के री-यूनियन की सोची थी। जो उनसे पहले से संपर्क में थे, उन्होंने उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सबको जोड़ा। कार्यक्रम को सफल बनाने में आशीष कपूर और उमेश गर्ग का भी विशेष सहयोग रहा। पूर्व छात्राओं में संध्या सिंघल ने नोएडा से आकर और अंजलि दीक्षित ने दिल्ली से आकर अपनी उपस्थिती दर्ज़ कराई। डैरेन कुमार तो लंदन से मीट में सम्मिलित होने के लिए आये।

पूर्व छात्र पंकज गर्ग ने एक लाइन में इस री-यूनियन का महत्त्व बताते हुए कहा-

“ये खुद का ही खुद से मिलने का अवसर है।”

आशीष कपूर ने भी मित्रता के ऊपर एक कविता सुनाकर एक सफल कार्यक्रम की सुखद वातावरण में समाप्ति की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!