संस्कृति

चिट्ठी न कोई संदेश जाने वह कौन सा देश जहां तुम चले गए…!

ब्रज पत्रिका, आगरा। गजल सम्राट जगजीत सिंह की 10वीं पुण्यतिथि पर हारमनी के तत्वावधान में एक विशिष्ट आयोजन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का आयोजन डाक परिसर प्रतापपुरा आगरा में किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया और अरुण डंग ने जगजीत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस समारोह के मुख्य अतिथि वीसी, एडीए, डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि,

“गायक जगजीत सिंह साहब ने गजल को जन-जन तक पहुंचाया।”

इस अवसर पर उन्होंने अपनी मां शीर्षक रचना भी प्रस्तुत की। आयोजन के अध्यक्ष ए.के. सिंह (एसएसपीओ) ने कहा,

“इस समय विश्व डाक सप्ताह चल रहा है और इस अवसर पर जगजीत साहब को याद करना इस संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जगजीत साहब ने अपनी ग़ज़लों से भारतीय संस्कृति को विश्व में फैलाया था।”

इस अवसर पर नगर के सुप्रतिष्ठित गजल गायक सुधीर नारायण ने कार्यक्रम की शुरुआत जगजीत सिंह की बहुत मशहूर नज्म सुदर्शन फाकिर द्वारा लिखित, “यह दौलत भी ले लो यह शौहरत भी ले लो” से की। उसके बाद विशेष फरमाइश पर “चिट्ठी न कोई संदेश जाने वह कौन सा देश जहां तुम चले गए” को पेश किया।

युवा कलाकार देशदीप ने सुनाया-“आपको देखकर देखता रह गया…!” किशोरवय गायिका श्रेया शर्मा ने सुनाया-“मां सुनाओ मुझे एक कहानी जिसमें राजा न हो न हो रानी…!” संचालन करते हुए सुशील सरित ने कहा कि, “लोगों के कदमों के निशान रह जाते हैं लेकिन जगजीत साहब की आवाज़ के निशान दिलों पर नक्श हो गए। अंत में सभी को धन्यवाद देते हुए सुधीर नारायण ने फिल्म सरफरोश की ग़ज़ल “होशवालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है “प्रस्तुत की।

गायक कलाकारों के साथ की-बोर्ड पर पंकज वर्मा ने, तबले पर राज मैसी ने, गिटार पर रमेश ने संगत की। बब्बू मुगल साउंड ने ध्वनि संयोजन किया। कर्नल शिव कुंजरू, सुधीर शर्मा, डॉ. रमेश आनंद, डॉ. असीमानंद, विजय लक्ष्मी शर्मा, प्रमिला, हिमांशु सचदेवा, श्री सरीन, वी.के. कपूर, डॉ. महेश धाकड़, विजय प्रताप, दिनेश श्रीवास्तव आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

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