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बाणी गुरु गुरु है बाणी, विच बाणी अमृत सारे…!

गुरुद्वारा माईथान और गुरूद्वारा गुरु का ताल पर में गुरुग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश पूरब धूमधाम से संपन्न।

ब्रज पत्रिका, आगरा। सिख धर्म के पावन गुरुग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पूरब बहुत ही धूमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम गुरुद्वारा सिंह सभा माईथान में आयोजित किया गया, जिसमें महान कीर्तनकार वीर महेंद्र पाल सिंह ने अपनी मधुर रसना द्वारा गुरबाणी का गायन कर सभी को भक्ति भाव से भर दिया।

वीर महेंद्र पाल सिंह ने, “बाणी गुरु गुरु है बाणी, विच बाणी अमृत सारे” एवं “तेरी बानी तेरी बानी तेरी बानी निर्मल निर्मल निर्मल तेरी बानी” शबद का गायन कर गुरु ग्रंथ साहिब जी की महानता के बारे में बताया।

वीर महेंद्र पाल सिंह ने कहा,

“किसी भी ग्रंथ में अल्लाह, राम, रहीम, करीम, क्रिशन, गिरधारी, मुरारी, वाहेगुरु इकट्ठे नहीं मिलेंगे केवल गुरु ग्रंथ साहिब जी ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें कृष्ण मुरारी, गिरधारी, भगवान, अल्लाह, रहीम, करीम, वाहेगुरु सब को जगह मिली है। दुनिया में ग्रंथ अनेक हैं लेकिन गुरुग्रंथ साहिब जी ही एक दिव्य ग्रंथ हैं जो आज के भयानक युग में हर मानव को सच्ची राह दिखाते हैं। गुरुग्रंथ साहिब जी के उपदेशों की सबसे ज्यादा जरूरत है आज। हर इंसान गुरु ग्रंथ साहिब जी के अनुसार इंसान अगर अपना जीवन जिये तो दुनिया से हर तरह का वैर, विरोध, ईर्ष्या, द्वेष और नफरत मिट जायेगी। केवल प्रेम, भाईचारा, सच और सरबत के भले की सोच रह जाएगी।”

जयकारों की गूंज के बीच भाई साहब के कीर्तन की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इससे पूर्व रहिरास साहिब का पाठ किया गया। इसके उपरांत स्त्री सिंह सभा माईथान की महिलाओं द्वारा शबद कीर्तन गायन किया गया। गुरुद्वारा माईथान के हजूरी रागी भाई बृजेंद्र सिंह ने भी कीर्तन किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर गुरु महाराज के अटूट लंगर का वितरण हुआ, जिसे सर्वधर्म के लोगों ने एक साथ बैठकर ग्रहण किया। गुरुद्वारा प्रमुख भाई कंवलदीप सिंह एवं हेडग्रंथी भाई कुलविंदर सिंह ने आई हुई संगत को हार्दिक धन्यवाद दिया। इस दौरान मौजूद गणमान्य लोगों में गुरमीत सिंह सेठी, रिंकू गुलाटी, सतीश अरोड़ा, संजय जट्टाना, दलजीत सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री बंटी ग्रोवर, हरजिंदर सिंह, अशोक अरोड़ा, दलजीत सिंह, रोहित कत्याल आदि शामिल थे।

इससे पूर्व सुबह का दीवान गुरूद्वारा गुरु का ताल पर आयोजित हुआ, जहां हजूरी रागी ने गुरुवाणी का गायन किया। मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने सभी के भले की अरदास की।

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