…ताकि पानी की समस्या से जूझ रहे लाखों लोगों को मिले राहत, वर्षा जल हो सके संचित और लोगों को मिले रोजगार!
पूर्व मंत्री को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी, आगरा की 5 तहसीलों में 2825 तालाब हैं कब्जा मुक्त।
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने कब्जा मुक्त तालाबों की खुदाई और जीर्णोद्धार हेतु मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष उठाई मांग।
14 वें और 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि और मनरेगा के अंतर्गत तालाबों को दिया जाए मूर्त रूप-राजा अरिदमन सिंह
ब्रज पत्रिका, आगरा। आम आदमी जल समस्या से त्रस्त है। एक ओर अत्यधिक दोहन होने के कारण बड़ी तेजी से भूजल स्तर गिरता चला जा रहा है, दूसरी ओर तालाबों और पोखरों की हालत मृतप्राय है। ऐसे में माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ-साथ जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी इस समस्या के निदान के लिए चिंतित और प्रयासरत हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील बाह में 813, तहसील फतेहाबाद में 647, तहसील सदर में 197, तहसील खेरागढ़ में 677 और तहसील एत्मादपुर में 491 तालाब सहित पांच तहसीलों में 2825 कब्जा मुक्त तालाबों की खुदाई और जीर्णोद्धार की मांग मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष रखी है।
बरसात से पहले का समय उत्तम
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि,
“बरसात शुरू होने से पहले अगर तालाबों की खुदाई का काम किया जाता है तो यह अति उत्तम रहेगा। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर 14 वें और 15 वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि और मनरेगा के अंतर्गत तालाबों को मूर्त रूप दिए जाने का सुझाव दिया।”
उन्होंने कहा कि,
“इस नेक कार्य हेतु ग्रामवासियों, प्रधानों, बीडीसी, ब्लाक प्रमुख आदि को श्रमदान के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही, सांसद और विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों का भी इस कार्य में सहयोग लिया जाए।”
जनमानस को मिलेगा पानी
राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि,
“तालाबों के जीर्णोद्धार से न केवल जनमानस को पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा बल्कि बरसात में जल संचय भी हो सकेगा। साथ ही, लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा जो कोरोना काल में जीविकोपार्जन का सार्थक साधन सिद्ध होगा।”
तीन साल से चल रहे प्रयास
पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने बताया कि,
“आगरा की जनता को जल समस्या से निजात दिलाने के लिए वह पिछले तीन वर्षों से अनवरत प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कब्जा मुक्त तालाबों की जानकारी जुटाई है। उन्होंने पिछले दो वर्षों के दौरान खोदे गए तालाबों की सूची भी प्रशासन से माँगी है।”