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आपकी आंखों में कुछ महके हुए से राज हैं…

ब्रज पत्रिका, आगरा। फिल्म जगत  के प्रख्यात फिल्म निर्देशक, स्क्रिप्ट राइटर, कवि, गीतकार और शायर गुलजार जी के जन्मदिन पर भारतीय बैंकर्स क्लब ने शाम- ए -गुलजार का ऑनलाइन आयोजन किया।

आयोजन का शुभारंभ सरस्वती वंदना से और डा. राजेन्द्र मिलन के स्वागत उद्बोधन से हुआ। डा. मिलन ने अपनी गुलजार साहब से मुलाकात के संस्मरण भी सुनाए और इसके बाद शुरू हुआ गुलजार साहब के लिखे हुए गीतों की संगीतमयी प्रस्तुति का सिलसिला।

मुंबई से सुप्रीति शर्मा ने फिल्म ‘मासूम’ का गीत-तुझसे नाराज नहीं हूं मैं जिंदगी…सुनाया। सायंती आचार्य और गौहर इस्लाम ने फिल्म ‘आंधी’ का गीत-तुम आ गए हो नूर आ गया है…सुनाकर इस शाम को यादगार बनाया। रजनीश शर्मा ने फिल्म ‘घर’ का गीत-आपकी आंखों में कुछ महके हुए से राज हैं…सुनाया।

सुशील सरित ने फिल्म ‘आनंद’ का गीत-मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने…। ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित  फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’  के गीत ‘जय हो…‘ के विषय में  बताते हुए उसकी भी एक झलक प्रस्तुत की। पूजा तोमर ने फिल्म ‘घर’ का गीत-आजकल पांव जमी पर नहीं पड़ते मेरे…सु1नाकर दिल जीत लिया। दिनेश श्रीवास्तव ने सुनाया-मुसाफिर हूं यारों ना घर है ना ठिकाना…। अशोक अश्रु ने ‘किताब’ शीर्षक से उनकी एक नज़्म का पाठ किया। परिचय दिया सुधीर शर्मा ने दिया। तकनीकी संचालन किया राहुल सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापित किया सुधीर शर्मा ने। कार्यक्रम के संयोजक सुशील सरित थे।

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