आंकड़े जुटाने के लिए एक प्रभावी सर्च इंजन बन गया है ‘इंडिया डाटा पोर्टल’
पोर्टल के सहयोग से डाटा व ग्राफिक्स के प्रभावी इस्तेमाल से मजबूत होगी समाचारों में विश्वसनीयता।
ताज प्रेस क्लब ने बीआईपीपी व आईएसबी के साथ आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला।
ब्रज पत्रिका, आगरा। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी), भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी (बीआईपीपी) ने शनिवार को ताज प्रेस क्लब के सहयोग से इंडिया डाटा पोर्टल (आईडीपी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल भावना क्लार्क्स-इन में किया, जिसका विषय था ‘समाचारों में विश्वसनीयता की मजबूती के लिए डाटा (आंकड़े) एवं ग्राफिक्स का प्रभावी इस्तेमाल’, कार्यशाला में मीडिया से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
कार्यशाला में मीडियाकर्मियों को आईएसबी की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ती सोनी ने इंडिया डाटा पोर्टल डोंट कॉम पर प्रकाश डालते हुए खबरों के लिए महज एक क्लिक पर विज़ुअल अथवा ग्राफिक्स में आंकड़ों का इस्तेमाल कर किस प्रकार इन्हें तैयार किया जा सकता है इस पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इंडिया डाटा पोर्टल की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ति सोनी ने इस मौके पर बताया कि,
“पोर्टल में केंद्रीय एवं राज्य की सार्वजनिक एजेंसियों और सरकारी विभागों से संसाधित और प्रलेखित डाटासेटों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध हैं। आईडीपी शासकीय व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और नीति निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित सार्वजनिक डाटा तक पहुंचने और उनका उपयोग करने के नागरिकों के अधिकार से जुड़ी यह एक बड़ी पहल है।”
पोर्टल के इस्तेमाल से पत्रकारिता में जोड़ सकते हैं नए आयाम
इंडिया डाटा पोर्टल की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ति सोनी ने कहा कि,
“डाटा-आधारित समाचार, खबर के प्रस्तुतिकरण को एक अलग कोण प्रदान कर पत्रकारिता में नए आयाम जोड़ सकते हैं और समाचार की विश्वसनीयता को बढ़ा सकते हैं। इस दिशा में इंडिया डाटा पोर्टल न केवल डाटा प्रदान करता है बल्कि स्टोरी में उपयुक्त विज़ुअलाइज़ेशन देकर इसे पाठकों के लिए और अधिक उपयोगी बना सकता है। इसके साथ ही यह गलत सूचना और फर्जी खबरों की संभावना को काफी कम करने में मददगार हो सकता है।”
दीप्ति सोनी ने आगे बताया कि,
“हिंदी, बंगाली, अंग्रेजी, मराठी, उड़िया और तेलुगु सहित छह भारतीय भाषाओं में उपलब्ध आईडीपी के उपयोग से पत्रकारों, शोधकर्ताओं, सार्वजनिक नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को केंद्रीय बजट, चुनाव, कृषि, वित्तीय समावेशन और ग्रामीण विकास से संबंधित डाटा तक पहुंचने, चर्चा करने और आंकड़ों को विजुअलाइज करने में मदद मिलती है।”
अब तक देश भर में हो चुकी हैं 121 कार्यशालाएं
आईएसबी के कंसल्टेंट उपेंद्र सिंह ने बताया कि,
“इंडिया डाटा पोर्टल की देश भर में ऐसी लगभग 121 कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनके माध्यम से हजारों मीडियाकर्मी और पत्रकारिता के छात्र डाटा के महत्व को समझ रहे हैं। समाचारों में आंकड़ों का उपयोग समाज में रचनात्मक पत्रकारिता के प्रति लाभ अंततः पाठकों को मिलना तय है। आंकड़े जुटाने के लिए ‘इंडिया डाटा पोर्टल आज एक प्रभावी सर्च इंजन बन गया है।”
खबरों में डाटा पोर्टल है आज की आवश्यकता
ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि,
“समाचारों में आज डाटा का प्रयोग महत्वपूर्ण हो गया है। इंडिया डाटा पोर्टल बहुआयामी डाटा उपलब्ध कराता है। साथ ही उनका आसानी से चित्रण करना भी बताता है। ऐसी ही कई कार्यशालाओं का आगे भी आयोजन किया जाएगा। डाटा पोर्टल मेरी नज़र में खबरों में आज की आवश्यकता है।”
विषय प्रवर्तन करते हुए डाक्टर गिरिजा शंकर शर्मा ने कहा कि,
“तथ्यों एवं ऑकड़ों के माध्यम से अभिव्यक्ति समाज में आदिकाल से रही है। नारद, कबीर और सम्राट अशोक की कार्यशैली का इतिहास इसका साक्षी है, हाॅ इनका उपयोग किस प्रकार किया जाए यह प्रत्येक पक्ष की मानसिकता पर अलग अलग निर्भर करता है। वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता तो और भी अधिक बढ़ गई है। पत्रकारिता में समाचार की विश्वसनीयता को तथ्य और ऑकड़ों की प्रस्तुति और अधिक प्रगाढ़ कर देते हैं।”
राजीव सक्सेना ने सूचना तकनीक के युग में गलत तथ्यों और ऑकड़ों की प्रस्तुति से उत्पन्न परिणामों के प्रति सतर्क करते हुए कहा कि,
“ऐसी स्थिति किसी भी व्यक्ति को गहरे वैधानिक संकट में डाल सकती है क्योंकि आई टी एक्ट के बारे में जनसामान्य अभी अधिक जागरूक नहीं है।”
उत्कृष्टता के लिए हुआ पांच पत्रकारों का सम्मान
समारोह में वरिष्ठ पत्रकार बचन सिंह सिकरवार, मधुमोद रायजादा, शिवकुमार भार्गव सुमन, सुनयन शर्मा, देवेंद्र पालीवाल सहित पांच पत्रकारों का उनकी उत्कृष्ट जीवन यात्रा के लिए सम्मान किया गया।
ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा और वर्कशॉप समन्वयक आदर्श नन्दन गुप्ता ने उपेंद्र सिंह व दीप्ती सोनी को स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया।
प्रारंभ में ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा, संस्थापक अध्यक्ष राजीव सक्सैना, केएम इंस्टीट्यूट में पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. गिरजाशंकर शर्मा, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत संजय तिवारी, हेमेंद्र चतुर्वेदी, केपी सिंह आदि ने किया। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद ने किया।
कार्यक्रम में के. पी. सिंह, डाक्टर महेश धाकड़, वीरेन्द्र गोस्वामी, सत्येंद्र पाठक, जय सिंह वर्मा, वीरेन्द्र चौधरी, शिराज कुरैशी, डाक्टर ब्रजेश चन्द्रा, यतीश लवानियां, राजकुमार अग्रवाल, असलम सलीमी, संजय तिवारी, हेमेन्द्र चतुर्वेदी, शंकर दत्त तिवारी, किशन चतुर्वेदी, भुवनेन्द्र वार्ष्णेय, भानु प्रताप सिंह, शोभित चतुर्वेदी, राजेश दीक्षित, रिषि गुप्ता, पवन आगरी, रुखसाना बी, रूपेश कुमार सिंह, जगत नारायण शर्मा, मनोज गोयल, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
जाने माने नीति निर्माताओं के साथ जुड़ा है बीआईपीपी
इंडिया डाटा पोर्टल की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ति सोनी ने बताया कि,
“कार्यशाला में सहभागी भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी (बीआईपीपी) का उद्देश्य सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान का नेतृत्व करना है। इसे भारत के प्रख्यात सार्वजनिक-नीति थिंक टैंकों में से एक प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है, जो देश के जाने माने नीति निर्माताओं के साथ जुड़ा हुआ है और उन्हें महत्वपूर्ण, डाटा संचालित साक्ष्य, अनुसंधान और प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण पहलुओं पर विश्लेषण करता है। संस्थान विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत चुनौतियों पर भी काम करता है, जिनमे मुख्य रूप से कृषि और खाद्य, पर्यावरण, शिक्षा, वित्त, शासन और डिजिटल पहचान जैसे विषय शामिल हैं।”