एण्ड टीवी के शोज़ में आगामी हफ्तों में भावनायें निभायेंगी महत्वपूर्ण भूमिका!
ब्रज पत्रिका। ड्रामा, ड्रामा और बस ढेर सारा ड्रामा! एण्ड टीवी के प्रशंसकों और दर्शकों के लिये आगे आने वाला हफ्ता कुछ ऐसा ही नज़र आ रहा है। कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) ने दोबारा शादी करने का फैसला किया है। ‘हप्पू की उलटन पटलन’ में कटोरी अम्मा ने अपने परिवार के सामने यह जोरदार धमाका किया है।
वहीं, ‘भाबीजी घर पर हैं’ में मनमोहन तिवारी (रोहिताश गौड़) को यह देखकर बहुत जलन हो रही है कि अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) अपने भूले-बिसरे दोस्त राजू की कुछ ज्यादा ही बातें कर रही है। ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ की गुड़िया (सारिका बहरोलिया) अपनी मां सरला (समता सागर) से सवाल करती है कि वह पहाड़ी वाले बाबा को इतना क्यों मानती हैं। गुड़िया अपनी मां के सामने उनसे भी ज्यादा ताकतवर बाबा खड़ा करने, एक परम भक्त और एक बेहतर संन्यासिनी बनने की चुनौती देने का फैसला करती है।
इतना ही नहीं ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ में एक तरफ स्वाति (तन्वी डोगरा) आखिकार देवेश (धीरज राय) के चंगुल से निकलने में कामयाब हो जाती है। दूसरी तरफ वह भागकर अपने सच्चे प्यार, इंद्रेश (आशीष कादियान) के पास पहुंच जाती है। वहीं, लैला (रिदिमा तिवारी), बबली को सिंहासन परिवार से पैसे ऐंठने के लिये ब्लैकमेल करती है।
अपने सीक्वेंस के बारे में थोड़ा और विस्तार से बताते हुए, हिमानी शिवपुरी कहती हैं,
‘‘परिवार में सबसे बड़ी होने की वजह से, घर में किसी ने भी यह उम्मीद नहीं की थी कि कटोरी अम्मा दोबारा शादी करेगी। इसलिये, यह एक विषय को छेड़ने और सबका ध्यान आकर्षित करने की शुरूआत है। इस परिवार का हिस्सा बनने के बाद एक चीज पर मैंने गौर किया है कि हमें सबकी नज़रों में बने रहना अच्छा लगता है और कटोरी अम्मा वही करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि इस अनूठे खुलासे के बाद क्या सचमुच उसकी शादी हो जायेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात कि किससे होगी?”
मुकाबले में खड़ी सारिका बहरोलिया (गुड़िया) कहती हैं,
‘‘गुड़िया और सरला का मां-बेटी का रिश्ता बहुत कमाल का है। बीच-बीच में उनकी नोंकझोंक चलती रहती है। इस बार गुड़िया उस बाबा से भी बड़े बाबा को ढूंढने की कोशिश करती है, जिसके पास उसकी मां जाती है। ऐसे में दर्शक, रवि झनकाल सर को शो में एंट्री करते हुए देखेंगे। मुझे उनके साथ काम करने का इंतजार है।’’
शुभांगी अत्रे (अंगूरी) कहती हैं,
‘‘पहले तो तिवारी जी को जलन होती है, लेकिन आगे जाकर उन्हें पता चलता है कि आखिर राजू कौन है। वह विभूति के साथ मिलकर अंगूरी के चेहरे से काफी समय से गायब हो गयी हंसी को लाने का काम करते हैं। इससे उसे अहसास होता है कि वह कितनी खास है और यह मनमोहन और विभूति के बड़े दिल को बयां करती है। हम दोनों के बीच ऑन-स्क्रीन पहले से ही काफी अच्छा तालमेल है, इसलिये परदे पर उसे सही तरीके से उतारना आसान था।’’
तन्वी डोगरा (स्वाति और बबली) बताती हैं,
‘‘स्वाति और बबली दोनों ही मुसीबत में हैं। एक के पीछे गुंडे पड़े हैं और दूसरे को ब्लैकमेल किया गया है। अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या संतोषी मां के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धा उन्हें इस मुश्किल और तनाव की स्थिति से बाहर निकाल पायेगी।’’