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उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी की वाराणसी में हुई बैठक में सदस्य रंजीत सामा ने ब्रज की लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने का दिया सुझाव!

उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी की वाराणसी में हुई बैठक में ब्रज क्षेत्र में लोक कलाओं के प्रोहत्सान पर भी चर्चा।

उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी की तीन सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव में रंजीत सामा को भी चुन लिया गया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ की इस साल की पहली बैठक 17 जनवरी को वाराणसी में हुई। इस बैठक में एकेडमी के सदस्य रंजीत सामा ने ब्रज क्षेत्र में संगीत एवं नाट्य कला से जुड़ी विधाओं की लुप्त होती संस्कृति एवं परम्पराओं को उभारने के लिए अपने सुझाव दिए हैं।

उन्होंने अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री राजेश्वर आचार्य से इसके लिए संगीत और नाट्य कला से जुड़े आयोजन भी कराने की मांग की है।बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा के बाद आगरा के लिए भी कई अहम बातों पर प्रस्तावों को नोटिस किया गया है, जिन पर कार्य जल्द शुरू होंगें।

अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने बृज के गीत-संगीत को वरीयता देने और इनसे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तीन सदस्यीय एक कार्यकारिणी बनाई, जिसमें रंजीत सामा को भी सदस्य घोषित किया।

इसके बाद पदम विभूषण गिरिजा देवी पर एक पत्रिका का विमोचन भी किया गया। जिसका विमोचन उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने किया। लोक गायिका पदमश्री मालिनी अवस्थी की मौजूदगी भी खास रही। उन्होंने शास्त्रीय गायन एवं संस्कार गीतों के माध्यम से अपनी परंपराओं और संस्कारों को पुष्पित-पल्लवित करने के लिए झकज़ोर दिया।

लखनऊ में हुई इस बैठक के दौरान रंजीत सामा की ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र से भी मुलाकात हुई, जिसमें उन्होंने ब्रज क्षेत्र में सांस्कृतिक और ललित कला से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बातचीत की। साथ ही ब्रज क्षेत्र की लोक कलाओं के प्रोत्साहन की भी जरूरत बताई।

उत्तर प्रदेश संगीत एवं नाटक अकादमी के सदस्य रंजीत सामा ने उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से भी मुलाकात की। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने सामा जी को देश के 75 साल के इतिहास में गुमनामी में डूबे हुए स्वाधीनता सेनानियों के ऊपर भी एक फ़िल्म बनाने का सुझाव दिया।

बैठक में भाग लेकर अपने शहर आगरा लौटने के बाद रंजीत सामा ने ब्रज पत्रिका को बताया,

“मैंने अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री राजेश्वर आचार्य से ब्रज क्षेत्र में संगीत एवं नाट्य कला से जुड़ी विधाओं की लुप्त होती विरासत एवं परम्पराओं को पुनः उभारने की मांग की है, ताकि इस क्षेत्र की पहचान को जिंदा रखा जा सके और कलाकारों को इन कलाओं से आजीविका का साधन मिलता रहे। मेरी मांगों पर उन्होंने सहमति भी जताई है और इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।”

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