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श्लोक साम गान और नाद वंदना में प्रवाहित स्वरों संग मनाया योग एवं संगीत दिवस

हमारी दोनों संस्थाओं द्वारा यह आयोजन प्रति वर्ष विशेषकर आने वाली पीढ़ी में संगीत एवं योग के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया जाता है-प्रतिभा केशव तलेगाँवकर

ब्रज पत्रिका, आगरा। विश्व संगीत एवं योग दिवस के उपलक्ष्य में पं. रघुनाथ तलेगाँवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र, आगरा ने नारायण विहार स्थित सुर सभागृह में सुरम्य आयोजन किया। जिसमें सर्वप्रथम माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके श्लोक साम गायन, नाद वंदना संस्था की छात्राओं आर्ची, आरुषि राय, अभिलाषा शुक्ला, ईशा सेठ, शुभि अग्रवाल, नीपा साहा एवं निशा गिडवानी द्वारा किया गया।

तत्पश्चात् संगीत एवं योग दिवस को समर्पित एक विशेष रचना “सात सुरों से सजा है ये संगीत, आज मनाये दिवस संगीत” की प्रस्तुति की गई, जिसकी शब्द एवं स्वर रचना गुरू माँ प्रतिभा केशव तलेगाँवकर द्वारा इस विशेष अवसर के लिए की गई।

इसके उपरांत संस्था के नन्हे साधकों में राघव गर्ग ने राग भूपाली, गौरांश शर्मा ने राग अल्हैया बिलावल, अयाइना दुआ एवं रिदम चतुर्वेदी ने राग जौनपुरी, सुमित कुमार ने राग भैरव एवं जतिन नागरानी ने राग भीमपलासी में पं. रघुनाथ तलेगाँवकर जी की सुन्दर रचनाओं का प्रस्तुतिकरण कर सभागार को नाद एवं योग के आध्यात्मिक वातावरण में परिवर्तित कर दिया। सभी के साथ संवादिनी पर संगत की पं. रवीन्द्र तलेगाँवकर ने तथा तबले पर साथ दिया शुभ्रा तलेगाँवकर ने। कार्यक्रम का समापन पं. रवींद्र तलेगाँवकर द्वारा राग नट भैरव में संवादिनी वादन से किया गया।

इस मौके पर प्रतिभा केशव तलेगाँवकर ने कहा,

“हमारी दोनों संस्थाओं द्वारा यह आयोजन प्रति वर्ष विशेषकर आने वाली पीढ़ी में संगीत एवं योग के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया जाता है।”

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