‘नीर भरी बदरी’ और ‘काव्यामृतम’ का लोकार्पण संपन्न
ब्रज पत्रिका, आगरा। बाड़ी ( धौलपुर ) के रचनाकार और सुप्रसिद्ध कवि डॉ. राकेश दीक्षित राज की संपादित पुस्तक ‘काव्यामृतम’ और उनके एकल गीत संग्रह ‘नीर भरी बदरी’ का लोकार्पण यूथ हॉस्टल में संपन्न हुआ।
शब्दिता की सरस्वती वंदना और अशोक अश्रु के स्वागत उद्बोधन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए सुशील सरित ने कहा,
“कोरोना काल में जहां शारीरिक दूरियां रहीं वहीं भावनाओं को कलम से अभिव्यक्ति मिली आज का कार्यक्रम उसी अभिव्यक्ति का प्रमाण है।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ से पधारे ओम नीरव ने कहा कि,
“कविता मन के भावों की लयात्मक अभिव्यक्ति है। सोना बेशक खरा हो लेकिन जब तक वो अलंकार के रूप में गढ़ा
नहीं जाता, उसे कोई नहीं पहनता। जब तक कविता छन्द में नहीं हो वह ह्रदय को ग्राह्य नहीं होती।”
डॉ. राकेश राज ने कहा कि,
“2012 से वह छन्दबद्ध कविता के साधकों को लेकर एक अभियान चला रहे हैं। ‘काव्याम्रतम’ में देश के आठ रचनाकारों की रचनायें हैं। इसकी भूमिका डॉ. कुंवर बेचैन और शिव ओम अम्बर ने लिखी है।”
अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि,
“राज जी की साधना सचमुच अनुकरणीय है ऐसे संग्रह छंदबद्ध कविता के लिए स्तंभ सिद्ध होंगे।”
लखनऊ से पधारे सुभाष चन्द, चन्दौसी के सौरभ कान्त, भावना, डॉ. अरुण उपाध्याय, मनोज, अणु आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. अशोक अश्रु, डॉ. राघवेन्द्र, शाहिद नदीम, यशोधरा, ऐलेश अवस्थी, डॉ. रमेश, परमानन्द, भरत दीप, वन्दना, पदमावती आदि ने काव्यपाठ किया। संचालन सुशील सरित ने किया। संयोजन एलिस अवस्थी ने किया।