वो जब याद आये बहुत याद आये, गमे जिंदगी के अंधेरे में हमने चराग़-ए-मोहब्बत जलाये-बुझाये…
रफ़ी साहब के गाये हुए नग़मों को अपनी आवाज़ में पिरोया ‘द सिंगर्स क्लब’ के गायकों ने।
ब्रज पत्रिका, आगरा। ‘हम’ संस्था समाज में छुपे हुऐ हुनरमंद लोगों को अपने ‘द सिंगर्स क्लब’ के प्लेटफार्म से मंच प्रदान करती आ रही है। इसी क्रम में महान गायक मोहम्मद रफ़ी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक संगीत संध्या का आयोजन एसएसएस एकेडमी के सदर बाज़ार स्थित कैंपस में किया गया।
इसके अंतर्गत ‘द सिंगर्स क्लब’ के लगभग 30 गायकों ने अपने-अपने गीतों के माध्यम से मोहम्मद रफी साहब को अपनी स्वरांजलि दी। ये सभी समाज में छुपे हुए वे हुनरमंद गायक थे। जिनको कि संस्था अपने मंच के माध्यम से समाज के सामने उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित कराने के लिए लेकर आ रही है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एसपी क्राइम राजेश सोनकर, एसपी विजलेंस बबिता साहू एवं जीएम (फाइनेंस) टोरेंट पावर लिमिटेड ज्ञानेन्द्र अग्रवाल रहे। इन सभी अतिथियों ने भी अपनी आवाज़ में रफ़ी साहब द्वारा गाये हुए गीत पेश करके रफ़ी साहब को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
अर्जिता ने भी क्या खूब गाया-वो जब याद आये बहुत याद आये, गमे जिंदगी के अंधेरे में हमने चराग़-ए-मोहब्बत जलाये-बुझाये…। विक्रम शुक्ला व अर्जिता के द्वारा प्रस्तुत युगल गीतों ने भी सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। शिकोहाबाद से पधारे संजीव सक्सेना एवं विपिन यादव ने भी अपनी शानदार गायकी से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। सुमिता ने सुनाया-पुकारता चला हूँ मैं…। नरेश ने गाया-पर्दा है पर्दा है…। संजय ने ये गीत पेश किया-अपनी आँखों में…। जसपाल ने सुनाया-ओ दिलबर जानिये…। रवि पिप्पल ने गाया-मैं कहीं कवि न बन जाऊँ…। अनिल ने सुनाया-बड़ी दूर से आये हैं…। अभिमन्यु ने गाया-पूछे जो कोई मुझसे बहार…। आस्मा ने सुनाया-लाखों हैं निगाहों में जिंदगी की राहों में…। बलविंदर ने गाया-जब भी ये दिल उदास होता है जाने कौन आसपास होता है…। अनुज ने सुनाया-दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर रक्खूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास…। रवि अग्रवाल ने सुनाया-आने से उसके आयें बहार जाने से उसके जायें बहार बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा…।
कार्यक्रम में सुमिता रॉय, असमा अली, मधुकर चतुर्वेदी, एसपी सिंह, प्रदीप टम्टा, विनोद कुमार, रवि पिप्पल, नरेश पिप्पल, अनिल वर्मा, संजय विश्वकर्मा, जसपाल सिंह, बलविंदर सिंह आदि उपस्थित रहे। उदघोषणा देव प्रकाश शर्मा ने की।