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‘टाइगर्स’ ने मेरी कला का एक व्यापक स्वरूप दिखाया- इमरान हाशमी

ब्रज पत्रिका। सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘टाइगर्स’ एक सेल्समैन की एक मल्टीनैशनल कॉरपोरेशन के खिलाफ लड़ाई है, जो पाकिस्तान में नवजात शिशुओं के लिए फॉर्मूला उत्पादों का व्यवसाय करती है। सैयद आमिर रज़ा हुसैन ने अपने पूर्व नियोक्ता के खिलाफ जाकर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था।

ऑस्कर विजेता इंटरनेशनल डायरेक्टर डेनिस टेनोविक के निर्देशन में बनी इस फिल्म में इमरान हाशमी, आदिल हुसैन, गीतांजलि थापा, सत्यदीप मिश्रा और हॉलीवुड एक्टर डैनी हस्टन ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। जहां एंड पिक्चर्स पर 27 दिसंबर को रात 9:30 बजे टाइगर्स का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर होने जा रहा है, वहीं इमरान हाशमी ने इस फिल्म के अपने किरदार और बहुत-सी बातों पर एक खास चर्चा की।

– ‘टाइगर्स’ आपका पहला इंटरनेशनल प्रोजेक्ट था। आपका अनुभव कैसा रहा?

“टाइगर्स ने मुझे अपनी अभिनय क्षमता के साथ प्रयोग करने और अपनी काबिलियत साबित करने के लिए एक अलग रास्ते की खोज करने का मौका दिया। ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना बड़ा दिलचस्प अनुभव था, जहां सारे कलाकार और क्रू दो अलग-अलग दुनिया के थे और एक सही उद्देश्य के लिए एक बढ़िया फिल्म बना रहे थे। ऑस्कर विजेता डायरेक्टर डेनिस टेनोविक के साथ काम करना सम्मान की बात है। इससे मुझे अपनी कला को निखारने और इसे नए नजरिए से देखने में मदद मिली। कुल मिलाकर, इस फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिला और मुझे एंड पिक्चर्स पर टाइगर्स के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर का इंतजार है।”

– ‘टाइगर्स’ को लेकर आपकी क्या सोच है?

“जब मुझे पता चला कि इस तरह की फिल्म बन रही है, तो मैंने इस टीम से संपर्क किया और इस फिल्म के लिए अपना उत्साह जताया। इसके बाद की प्रक्रिया काफी आसान रही। इस फिल्म की स्क्रिप्ट, इसका उद्देश्य और इससे जुड़े नामों के चलते मैं इसे लेकर बेहद पैशनेट था। चूंकि यह एक सच्ची कहानी पर आधारित है, तो हमने इस फिल्म के किरदार और इस घटना को लेकर बहुत रिसर्च की। कई कारणों से इस फिल्म को स्क्रीन तक आने में कई साल लग गए। लेकिन दुख की बात यह है कि इस फिल्म का विषय आज भी मौजूद है।”

– ‘टाइगर्स’ ने आपकी निजी और पेशेवर ज़िंदगी पर क्या असर किया?

“जैसा कि मैंने कहा टाइगर्स एक दिलचस्प अनुभव था। मैं इस तरह की और फिल्में करना चाहूंगा। टाइगर्स ने मुझे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और मेरे लिए नए रास्ते खोले। ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के बाद अब मैं कोई भी प्रोजेक्ट करने से पहले दोबारा जरूर सोचता हूं।”

– आपकी फिल्मोग्राफी बड़ी विविध और जेनेरिक सिनेमा से बिल्कुल अलग रही है। इस बारे में आपका क्या कहना है?

“मुझे लगता है कि कलात्मक सिनेमा में आपको एक कलाकार और एक इंसान के रूप में निखारने की ज्यादा काबिलियत होती है। मुझे फुल-ऑन एंटरटेनर और जनता की फिल्में करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन मैं इन दोनों के बीच संतुलन बनाना पसंद करूंगा। मैंने हाल में जो भी फिल्में की हैं, वो आम फिल्मों से अलग थीं। टाइगर्स भी ऐसी ही एक फिल्म है, जिसने मुझे अपनी कला का एक व्यापक स्वरूप दिखाया। हम एक ऐसी कहानी दिखा रहे थे, जो हम सब से बड़ी है और ऐसी कहानियां ही आपके करियर को आकार देती हैं। इस फिल्म को लेकर मेरी कोई निश्चित राय नहीं है, लेकिन मैं सिर्फ धारा के साथ आगे बढ़ रहा हूं। आगे देखते हैं यह मुझे कहां ले जाती है।”

– ‘टाइगर्स’ ने टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपना डेब्यू किया और अब एंड पिक्चर्स इस फिल्म का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर होस्ट कर रहा है। इस बारे में आपके क्या विचार हैं?

“यह बहुत अच्छा है कि हम ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को हमारी कहानी दिखा रहे हैं। इस फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेहतरीन रिस्पॉन्स मिला और इसकी हमें बहुत खुशी हुई। यह मुद्दों पर आधारित फिल्म है और इसका संदेश देने के लिए इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा दिखाए जाने की जरूरत है। हमने इस फिल्म में कड़ी मेहनत की है और अब मुझे एंड पिक्चर्स पर टाइगर्स के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर और इसे लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार है।”

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