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“येशु से मुझे काफी ज्यादा उम्मीदें हैं।”, यह कहना है एण्ड टीवी के ‘येशु’ में देवदूत बने गिरिराज काबरा का।

काबिल कलाकार, गिरिराज काबरा ने एक छोटी-सी मुलाकात में इस शो, अपने किरदार के बारे में और इससे जुड़ी काफी सारी बातें बतायीं।

ब्रज पत्रिका। एण्ड टीवी पर हाल ही में लाॅन्च होने के साथ ‘येशु’ शो ने अपने अलग व अनूठे कंटेंट से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। इस शो से जुड़ने वाले बेहतरीन और काबिल कलाकार, गिरिराज काबरा ने एक छोटी-सी मुलाकात में इस शो, अपने किरदार के बारे में और इससे जुड़ी काफी सारी बातें बतायीं। वह इस शो में देवदूत की भूमिका निभा रहे हैं।

आप अब तक के अपने सफर के बारे में बतायें?

“बचपन से ही मैं एक्टिंग में अपना करियर बनाना चाहता था। मैं टेलीविजन या फिल्मों में जो कुछ देखता था उसकी तरफ खिंचा चला जाता था। मैं अक्सर अपने पापा से कहता था कि मैं मुंबई जाऊंगा और एक एक्टर बनूंगा। मैं स्कूल में पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था, लेकिन को-करिकुलर में काफी अच्छा था, खासकर म्यूज़िक और थियेटर में। मैं एक मारवाड़ी परिवार से हूं, जहां मैंने अपने पापा से फैमिली बिजनेस के बारे में काफी कुछ सीखा है। मैं जबलपुर को अपना होमटाउन मानता हूं, लेकिन मैं मध्यप्रदेश के छोटे से शहर पिपरी में रहता था। काफी बाद में और ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मैं एक्टिंग में करियर बनाने के लिये मुम्बई आ गया। मेरे दिमाग में बस एक ही लक्ष्य था कि मुझे एंटरटेनमेन्ट इंडस्ट्री में किसी तरह आना है, चाहे वह फिल्में हों या फिर टेलीविजन।”

इस शो में अपने किरदार के बारे में कुछ बतायें?

“मैं देवदूत की भूमिका निभा रहा हूं, जो कि बहुत ही दयालु और नेक है। उसके जीवन का मकसद है भगवान की इच्छा को पूरा करना और उसे अंजाम तक पहुंचाना। वह कई लोगों का मार्गदर्शक है और भगवान पर भरोसा रखने वाले लोगों की वह रक्षा करता है। आमतौर पर तो वह काफी शांत रहता है, लेकिन जब स्थिति वैसी होती है तो वह अपनी ताकत दिखा सकता है। उसके पास नेतृत्व की अद़्भुत क्षमता है, ऐसा किसी और के पास नहीं। अपने रौद्र रूप से वह लोगों को चुप करा सकता है।”

क्या यह आपका कमबैक है?

“मुझे काम किये हुए दो साल से ज्यादा हो गये हैं, इसलिये ‘येशु’ मेरे लिये कमबैक की तरह है। मैं अपने पिता को बिजनेस बढ़ाने में हाथ बंटाने में व्यस्त था, जिसमें मेरा काफी समय लग गया। आखिरी बार मैंने एण्ड टीवी पर काम किया था और अब उनके साथ ही कमबैक कर रहा हूं। इसलिये अच्छा महसूस हो रहा है और यह सही लग रहा है।”

इस शो में अब तक का आपका अनुभव कैसा रहा है?

“इस शो में अब तक का मेरा अनुभव कमाल का रहा है। देवदूत का मेरा किरदार थोड़ा चुनौतीपूर्ण है लेकिन साथ में मजेदार भी है। आमतौर पर जब कोई नेगेटिव किरदार निभा रहे होते हैं तो उसमें काफी नयापन होता है लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि यह किरदार काफी प्रेरित करने वाला है। इसके लिये काफी मेहनत, रिसर्च की जरूरत है और साथ ही सब कुछ सही करने के लिये उतना ही धैर्य भी चाहिए होता है। मैं धीरे-धीरे इसमें ढल रहा हूं। यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है और मुझे दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार है। साथ ही देखना है कि उन्हें यह शो पसंद आता है या नहीं।”

आपको यह भूमिका कैसे मिली?

“मैंने इस भूमिका के लिये ऑडिशन दिया था और काम बन गया। मैंने किरदार को जिस तरह से प्रस्तुत किया और डायलाॅग बोले, मेकर्स को वह पसंद आया। उन्हें भरोसा था कि मैं देवदूत के किरदार को निभा लूंगा, जबकि वह एक बुजुर्ग व्यक्ति की तलाश कर रहे थे। लेकिन कहते है,ं जो होना होता है वह होकर रहता है। मुझे बेहद खुशी है कि यह मौका मुझे मिला।”

इस शो और दर्शकों से आपकी क्या उम्मीदें हैं?

“मुझे इस शो से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि यह एक अनूठा शो है और पहले कभी ऐसा नहीं बना। कहानी कहने का अंदाज निराला है। यह अनकही और अनसुनी कहानी है। पहली बार हिन्दी एंटरटेनमेन्ट चैनल की दुनिया में पेश की गयी है। जब इसका प्रोमो आया, मैं दर्शकों के इंतजार और उत्सुकता को महसूस कर सकता था कि वे इस शो के बारे में और जानना चाहते हैं। हम सब इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और पहले ही दिन से इस शो के लिये उत्सुक थे। हमें काफी उम्मीद है कि दर्शक इस शो को पसंद करेंगे और सराहेंगे।”

इसकी कहानी क्या है?

“येशु एक अनोखे दयालु बच्चे की कहानी है, जो केवल अच्छे काम करना चाहता है और अपने आस-पास सिर्फ खुशियां फैलाना चाहता है। उसका स्नेह और दया उन काली, दुष्ट शक्तियों के बिलकुल उलट है। ये शक्तियां पूरे जीवनकाल में उसके आस-पास रहती हैं। वह दूसरों की मदद करने की कोशिश करता है और उनके दर्द को दूर करता है, जिसकी वजह से वह ऐसी परिस्थितियों में फंस जाता है जहां उसे ना केवल अपने विरोधियों से दुख मिलता है, बल्कि काफी सारे लोगों का विरोध झेलना पड़ता है। देवदूत येशु और उसके परिवार के लिये रक्षक की तरह काम करता है। वह उन पर नज़र बनाये रखता है। देवदूत एक फरिश्ता है जो कि मेरी को ऐसे किसी भी खतरे की जानकारी देता रहता है, जोकि येशु की जिंदगी के लिये घातक हो सकता है। वह येशु को सुरक्षित रखने में मेरी की मदद करता है।”

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