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‘तेरा यार हूं मैं’ एक ऐसे पिता की कहानी है जो अपने बेटे का दोस्त बनना चाहता है-अंश सिन्हा

ब्रज पत्रिका। “मैंने टेलीविज़न पर इससे पहले कभी भी पिता और बेटे की ऐसी कहानी नहीं देखी”, यह कहना है ‘तेरा यार हूं मैं’ के अंश सिन्हा का। प्रस्तुत हैं अंश सिन्हा से उनके इसी बहुप्रतीक्षित टीवी शो को लेकर उसके ही विभिन्न पहलुओं को विषय बनाकर विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश।

किस वजह से ‘तेरा यार हूं मैं’ शो करने का ऑफर स्‍वीकार किया?

“जब मैंने शो का कॉन्सेप्ट सुना था, तो मैं ये शो करने का अवसर खोना नहीं चाहता था क्योंकि यह बिलकुल नया और ताज़ा था। इस शो का कंटेंट ऐसा है जिससे लोग जुड़ पाएंगे और मुझे विश्वास है कि यह हमारे दर्शकों को भी ज़रूर पसंद आएगा। जैसा कि टाइटल में बताया गया है- ‘तेरा यार हूं मैं’ एक ऐसे पिता की कहानी है जो अपने बेटे का दोस्त बनना चाहता है। राजीव (सुदीप साहिर) का अपने पिता के साथ मित्रता का संबंध नहीं था लेकिन उसने अपने बेटे ऋषभ के साथ दोस्ती करने का दृढ़ निश्चय लिया है। मेरी उम्र के लोगों के बीच सोशल मीडिया के ट्रेंड को समझते हुए, दर्शक राजीव की उन कोशिशों को देखेंगे कि कैसे वो अपने बेटे के साथ सोशल मीडिया की मदद से दोस्त बनने की कोशिश करता है। मैंने इससे पहले कभी भी पिता और पुत्र के बीच की ऐसी कहानी टेलीविज़न पर नहीं देखी है और यही वजह है जिसने मुझे शो स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया।”

सोनी सब के साथ जुड़कर कैसा महसूस हो रहा है?

“मैं सोनी सब के परिवार का हिस्सा बनकर धन्य महसूस कर रहा हूं| सोनी सब के हलके-फुलके शो हमेशा मेरे चेहरे पर एक सुखद मुस्कान ला देते हैं और मुझे उम्‍मीद है कि ‘तेरा यार हूं मैं’ के साथ भी मैं दर्शकों के लिए ऐसा ही कर पाऊंगा।”

कृपया अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं।

“मैं ऋषभ बंसल की भूमिका निभा रहा हूं, जो शो में राजीव बंसल का टीनेज बेटा है। वो कूल, मिलनसार और प्यार करने वाला है। वह अपने माता-पिता और अपने पूरे परिवार का आदर करता है। ऋषभ यारों का यार है और अपने दोस्तों की मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता है। उसे स्पोर्ट्स बहुत पसंद है और वह एक गेमिंग फ्रीक भी है, सोशल मीडिया पर रहना और आगामी ट्रेंड्स पर नज़र रखना उसे पसंद हैं।”

असल ज़िंदगी में आपके पिता के साथ आपके कैसे संबंध हैं?

“असल जिंदगी में मेरे पिता के साथ मेरे बंधन को शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता है। हम दोनों अच्छे दोस्त हैं और एक-दूसरे के साथ हमारा अच्छा तालमेल है। वह मेरे लिए एक बहुत बड़ा सपोर्ट है लेकिन इसी के साथ जहां और जब ज़रूरत होती है, वह पिता का रोल बखूबी निभाते हैं। हम साथ में गेम खेलते हैं और बहुत सारी मस्ती करते हैं। मेरे पिता मेरे लिए हमेशा एक बहुत अच्छे मार्गदर्शक रहे हैं और मैं उनके साथ इतना प्यारा रिश्ता साझा करके बेहद खुश हूं।”

आपकी व्यक्तिगत राय में, क्या माता-पिता को बच्चों का दोस्त होना चाहिए? या फिर उन्हें माता-पिता बनके ही रहना चाहिए?

“मुझे लगता है कि इन दोनों का सही मिश्रण होना चाहिए। माता-पिता को कभी-कभार माता-पिता की तरह ही बर्ताव करना चाहिए, लेकिन इसी के साथ कुछ स्थितियों से दोस्तों की तरह निपटना महत्वपूर्ण है। यह ज़रूरी नहीं है कि वह इन-दोनों में से एक ही बने।”

तेरा यार हूं मैं, के लिए शूटिंग करने का अनुभव कैसा रहा?

“शूटिंग के दौरान मैं बहुत मज़े कर रहा हूं। अब तक का अनुभव बहुत ही शानदार रहा है। मैं खुश हूं कि मुझे सुदीप सर, राजेंदर जी और श्वेता मैम और दूसरे सभी कलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिला। सेट का वातावरण बेहद खुशहाल है और हमेशा शानदार और सकारात्मक रहता है।”

दर्शकों के लिए कोई मैसेज?

“मेरा सभी प्रशंसकों के लिए सिर्फ यही सन्देश है कि शो देखें क्योंकि इसमें आपका मनोरंजन करने के लिए सभी सही तत्व हैं। अब ‘तेरा यार हूं मैं’ 31 अगस्त से सोनी सब पर रात 9 बजे शुरू हो रहा है। दर्शक खुद को शो की कहानी से जोड़कर देख पाएंगे और मैं उम्मीद करता हूं कि ये हर पिता और पुत्र को एक-दूसरे के साथ मैत्रीपूर्ण रिश्ता रखने के लिए प्रोत्साहित करेगी।”

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