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बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों के बारे में निर्णय लेने के लिए हितधारकों के साथ परामर्श किया जा रहा है-शिक्षा मंत्री

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में  शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि छात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ब्रांड एंबेसडर हैं।

जेईई (मुख्य) परीक्षा 2021 एक वर्ष में चार बार आयोजित किए जाने के सुझाव पर सकारात्‍मक रूप से विचार किया जाएगा- रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

जेईई (मुख्य) परीक्षा2021 का पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की ही तरह रहेगा और एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है कि क्‍या छात्रों को 100 प्रश्नों में से 75 प्रश्नों के उत्तर देने का विकल्प दिया जाए- केन्द्रीय शिक्षा मंत्री

ब्रज पत्रिका। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में पूरे देश के शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। एक घंटे तक चली बातचीत के दौरान श्री ‘निशंक’ ने अन्‍य बातों के अलावा स्कूल की परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं आदि से संबंधित छात्रों की विभिन्न चिंताओं और प्रश्नों के जवाब दिये।

Interacting with teachers, parents and students on upcoming competitive/board exams. #EducationMinisterGoesLive @EduMinOfIndia @SanjayDhotreMP @PIB_India @MIB_India @DDNewslive https://t.co/qOsUBJ2J30

— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) December 10, 2020

इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने कहा कि,

“छात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ब्रांड एंबेसडर हैं। हम सभी को इस शिक्षा नीति को बहुत सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। छात्र जल्द ही सामान्य रूप से अपने स्कूलों में लौट आएंगे। छात्र इस समय का उपयोग पैन फ्रेंड संस्कृति को दोबारा जीवित करने के लिए कर सकते हैं। एसएमएस, व्हाट्सएप की वर्तमान प्रवृत्ति से आगे बढ़कर दोस्तों को पत्र लिखने की यह प्रवृत्ति अधिक प्रसन्‍नता और खुशी लाएगी। इससे छात्रों का लेखन कौशल भी बढ़ेगा।”

‘मेरी पुस्तक, मेरे मित्र अभियान’ में छात्रों की सक्रिय भागीदारी का स्‍मरण करते हुए श्री ‘निशंक’ने छात्रों से पुस्‍तकें पढ़ने की आदत को जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने मित्रों, संबंधियों तथा अन्‍य लोगों को जन्मदिन के उपहार के रूप में पुस्‍तकें प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षण और सीखने की संस्कृति का विकास और निर्माण होगा।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि लॉकडाउन के दौरान भी सीखने और सिखाने की प्रक्रिया जारी रही। कोविड के दौरान शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों, पीएम ई-विद्या के बारे में जानकारी दी, जो डिजिटल/ऑनलाइन/रेडियो माध्यम से करोड़ों छात्रों को लाभान्वित कर रही हैं। इसके अलावा उन्‍होंने दीक्षा, स्वयं प्रभा, आईआईटी पोर्टल का भी जिक्र किया। इन कार्यक्रमों ने शिक्षा की पहुंच और उपलब्धता को मजबूत बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय ने कोविड के दौरान सभी छात्रों की शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए नियमित दिशा-निर्देश और प्रज्ञाता दिशा-निर्देश, शैक्षणिक कैलेंडर जैसे एसओपी जारी किए।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एनईईटी और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गईं और इन परीक्षाओं में भाग लेने वाले प्रत्येक छात्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई। उन्‍होंने कहा कि भारत और कई देशों में छात्रों को परामर्श सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक टोल-फ्री टेली काउंसलिंग शुरू की गई थी।

जेईई परीक्षा के पाठ्यक्रम और तिथियों के संबंध में छात्रों द्वारा व्‍यक्‍त की गई चिंताओं के बारे में उन्‍होंने कहा कि,

“जेईई (मुख्य परीक्षा) 2021 के बारे में यह सुझाव प्राप्‍त हुआ है कि उक्‍त परीक्षा एक वर्ष में चार बार आयोजित की जाए। इस बारे मेंसकारात्मक रूप से विचार जा रहा है। यह परीक्षा फरवरी के अंत में शुरू होकर उसके बाद मार्च, अप्रैल और मई-2021में हर बार 3-4 दिनों में आयोजित करने का सुझाव मिला है। जेईई (मुख्य 2021) का पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की तरह ही रहेगा और इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है कि क्‍या छात्रों को 90 प्रश्नों (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के 30-30 प्रश्न) में से 75 प्रश्नों (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के प्रत्येक 25-25 प्रश्न) का जवाब देने का विकल्प दिया जाए। जेईई (मुख्य) 2020 में 75 प्रश्न (भौतिकी, रसायन और गणित 25-25 प्रश्न) थे, जिनका उम्मीदवारों को उत्तर देने का विकल्‍प दिया गया था। उम्मीदवारों को आगामी शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश के लिए जेईई (मुख्य) 2021परीक्षा में एक/दो/तीन/चार बार शामिल होने का विकल्प देने के बारे में सकारात्मक रूप से विचार किया जा रहा है।”

एनईईटी के पाठ्यक्रम और तिथियों के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्‍होंने यह स्पष्ट किया कि एनईईटी (यूजी) 2021 कार्यक्रम को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ परामर्श करके अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसकी निकट भविष्य में घोषणा की जाएगी।

एनईईटी (यूजी) 2021 के पाठ्यक्रम के बारे में, श्री पोखरियाल ने कहा कि पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की तरह ही रहेगा। परीक्षा को ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित करने के तरीके के बारे में उन्‍होंने कहा कि इस बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से परामर्श किया जा रहा है।

10वीं और12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्‍होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों को तय करने के बारे में हितधारकों के साथ परामर्श जारी है और जल्द ही हितधारकों से प्राप्‍त सुझावों के आधार पर इसकी घोषणा की जाएगी।

सीबीएसई की प्रैक्टिकल परीक्षाओं को रद्द करने या स्थगित करने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा कि प्रैक्टिकल समेत बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने की तिथियों के बारे में अभी सीबीएसई को निर्णय लेना है। हितधारकों के साथ परामर्श जारी है। अगर छात्र परीक्षाओं से पहले कक्षाओं में प्रैक्टिकल नहीं कर पाते हैं, तो प्रैक्टिकल परीक्षाओं के विकल्‍पों का पता लगाया जाएगा।

कक्षा 12 के पाठ्यक्रम के हटाए गए हिस्से के बारे में छात्रों और शिक्षकों के बीच संदेह के बारे में स्पष्ट करते हुए उन्‍होंने कहा कि सीबीएसई ने संशोधित पाठ्यक्रम को अपनी वेबसाइट पर पहले ही अपलोड कर दिया है। इसके अलावा, हटाए गए हिस्‍से को भी सारांश रूप में दर्शाया गया है। किसी भी संदेह के बारे में, स्कूल सीबीएसई से संपर्क कर सकते हैं या सीबीएसई की वेबसाइट: www.cbseacademic.nic.in देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे सीबीएसई को भी निर्देश देंगे कि प्रत्‍येक अध्‍याय की वीडियो अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।

बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के साथ-साथ छात्रों की सुरक्षा के बारे में बातचीत करते हुए श्री पोखरियाल ने कहा कि,

“स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने पहले ही स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए एसओपी/दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो स्‍कूलों को दोबारा खोलने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा पहलुओं से संबंधित हैं। इसके अलावा वे शारीरिक/सामाजिक दूरी और शिक्षा की आपूर्ति से संबंधित शैक्षणिक पहलुओं के बारे में भी है। मंत्रालय राज्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं।”

समापन के दौरान, श्री पोखरियाल ‘निशंक’ ने छात्रों के साथ बातचीत करने के बारे में खुशी जाहिर की। उन्होंने छात्रों से न घबराने की अपील की। उन्होंने कहा कि मंत्रालय छात्रों की सुरक्षा और शैक्षणिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षाओं और पाठ्यक्रम के बारे में नवीनतम जानकारी मंत्रालय और इसके स्वायत्त संस्थानों की वेबसाइट पर समय-समय पर उपलब्ध होगी।

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