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केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मणिपुर और त्रिपुरा के बीच पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

विशेष ट्रेनों के माध्यम से यात्री संपर्क, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा-जी. किशन रेड्डी

जी. किशन रेड्डी ने 56,553 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई 14 नई रेल लाइन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।

जी. किशन रेड्डी ने कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रति प्रधानमंत्री की प्राथमिकता इन बातों से ही स्पष्ट होती है कि पिछले 7 वर्षों के बजटीय आवंटन 2014-2015 में 36,107.56 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-2021 में 68,020 करोड़ रुपये, लगभग दोगुना हो चुका है।

मुख्य विशेषताएं

-मणिपुर, त्रिपुरा और दक्षिण असम के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को अगरतला-जिरीबाम-अगरतला को जोड़ने वाली विशेष रेलगाड़ियों के उद्घाटन से पूरी की गई। उद्घाटन की गई इन विशेष ट्रेनों को अगरतला और जिरीबाम रेलवे स्टेशनों पर एक साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

-प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों को प्राथमिकता प्रदान किया जाता है, ये बातों इसी तथ्य से स्पष्ट है कि उत्तर पूर्वी राज्यों के बजटीय आवंटन को पिछले 7 वर्षों में लगभग दोगुना किया जा चुका है जो कि 2014-2015 में 36,107.56 करोड़ रुपये था और यह 2020-2021 में बढ़कर 68,020 करोड़ रुपये हो चुका है।

-भारत सरकार द्वारा लगातार प्रधानमंत्री के विकास वाले ‘हीरा’ मॉडल के लिए काम किया जा रहा है जो राजमार्गों, सूचना मार्गों, रेलवे और वायुमार्ग को प्राथमिकता प्रदान करता है।

ब्रज पत्रिका असम होते हुए मणिपुर और त्रिपुरा राज्यों को जोड़ने वाली पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को आज रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव और जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री द्वारा रेलवे बोर्ड से वीडियो लिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, इस अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब भी उपस्थिति थे।

अगरतला-जिरीबाम-अगरतला को जोड़ने वाली विशेष रेलगाड़ियों के उद्घाटन के माध्यम से मणिपुर, त्रिपुरा और दक्षिण असम के लोगों के लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया गया। उद्घाटन किए गए इन विशेष ट्रेनों को अगरतला और जिरीबाम रेलवे स्टेशनों से एक साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और डोनर मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि,

“ये विशेष ट्रेनें महत्वपूर्ण शहरों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करेगी और यात्री संपर्क, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर पूर्वी क्षेत्र अपने विकास की महत्वपूर्ण प्रगति की प्राप्ति कर रहा है। उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रति प्रधानमंत्री की प्राथमिकता इन बातों से स्पष्ट है कि पिछले 7 वर्षों में बजटीय आवंटन, 2014-2015 में 36,107.56 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-2021 में 68,020 करोड़ रुपये, मतलब लगभग दोगुना हो चुका है।”

मंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व विकास पहल और ढांचागत विकास के माध्यम से उत्तर पूर्वी क्षेत्र देश का विकास इंजन बनने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। मंत्री ने इन बातों पर भी प्रकाश डाला कि यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से प्रचुर संसाधनों से संपन्न है और उत्तर पूर्वी के 8 राज्यों के पास विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक केंद्र बनने की अपनी अंतर्निहित क्षमता है चाहे वह कृषि, बागवानी, जैविक खेती, वस्त्र, पर्यटन आदि हो। उन्होंने कहा कि अच्छी कनेक्टिविटी सभी स्तर पर प्रगति प्राप्त करने और सभी क्षेत्रों की वास्तविक क्षमता को साकार करने का एक माध्यम है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के ‘हीरा’ मॉडल की दिशा में लगातार काम करने वाले सरकार के प्रयास के बारे में बात की, जो राजमार्गों, सूचना मार्गों (इंटरनेट), रेलवे और वायुमार्ग को प्राथमिकता प्रदान करता है।

इन महत्वपूर्ण अवसंरचना के तत्वों में से प्रत्येक पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्री ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में पिछले 7 वर्षों में सड़क की लंबाई में 25 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है और काम की प्रभावशाली प्रगति से यह स्पष्ट है कि 85,631 करोड़ रूपये की सड़क और राजमार्ग परियोजनाएं वर्तमान समय में आठ उत्तर पूर्वी राज्यों में चल रही हैं और अगले दो वर्षों के लिए 80,000 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं को शुरूआत करने की भी योजना है।

मंत्री ने इस क्षेत्र के कठिन पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए रेलवे द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों के लिए रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त किया। मंत्री ने 56,553 करोड़ रुपये की कुल लागत से शुरू की गई 14 नई रेल लाइन परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि पूंजी संपर्क परियोजना लगभग सभी क्षेत्रों में अवसरों के नए द्वार खोल रही है और भविष्य के लिए विकास का आधार तैयार कर रही है। मंत्री ने भारत को बांग्लादेश रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली 972.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए जा रही महत्वपूर्ण अगरतला-अखौरा परियोजना पर भी ध्यान केंद्रित किया।

मंत्री ने कहा कि हवाई संपर्क में भी अभूतपूर्व सुधार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आज के समय में गुवाहाटी देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक बन चुका है और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में दो प्रमुख राजधानी ग्रीन फील्ड हवाई संपर्क परियोजनाओं की शुरूआत की जा रही हैं-होलोंगी-ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश में 955.37 करोड़ रुपये की लागत से और सिक्किम के पाकयोंग हवाई अड्डे को 553.53 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी प्रदान की गई है।

मंत्री ने पहाड़ी क्षेत्र के लिए रेलगाड़ी की उपलब्धता चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद उत्तर पूर्वी क्षेत्र में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार द्वारा किए गए पहलों पर भी प्रकाश डाला। ग्राम पंचायतों के लिए 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी और वाई-फाई कनेक्टिविटी को तीव्र गति के साथ बढ़ाया जा रहा है। लगभग 6,000 ग्राम पंचायतों में  सेवा तैयार हैं और कुल 9,461 एफटीटीएच कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस डिजिटल कनेक्शन से युवाओं की आकांक्षाओं में पंख लगेंगे और इस क्षेत्र में चौथी औद्योगिक क्रांति लाने की दिशा में काम होगा।

इसके पश्चात अश्विनी वैष्णव, रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने रेल मंत्रालय के साथ सहयोग करने और उनका त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री के मन में एक विशेष स्थान है और उन्होंने हमेशा ही उत्तर पूर्वी क्षेत्र की परियोजनाओं का त्वरित निष्पादन करने के लिए सभी हितधारकों का आह्वान किया है।

इसके बाद मंत्रियों ने ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रेन संख्या 12097/12098 अगरतला-जीरीबम-अगरतला जनशताब्दी एक्सप्रेस की त्रि-साप्ताहिक सेवा 10-01-2022 (सोमवार) से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को निर्धारित समय से शुरू होगी। यह ट्रेन अगरतला से 06-00 बजे रवाना होकर 12-00 बजे जीरीबम पहुंचेगी और वापस होते समय जीरीबम से 16-00 बजे रवाना होकर 22-00 बजे अगरतला पहुंचेगी।

इस उद्घाटन समारोह में वीडियो लिंक के माध्यम से मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने हिस्सा लिया। विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह; सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, प्रतिमा भौमिक; वुंगज़ागिन वाल्टे, परिवहन और जीएडी, जनजातीय कार्य और हिल्स मंत्री, मणिपुर सरकार; प्रणजीत सिंघारॉय, परिवहन, पर्यटन, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, त्रिपुरा सरकार; सांसद झरना दास बैद्य, महाराजा लैशेम्बा सनाजाउबा, एम.सी. मैरी कॉम, रेबती त्रिपुरा, कृपानाथ मल्लाह, डॉ. लोरहो एस. फोज़े और विधायक मिमी मजूमदार, राजकुमार इमो सिंह और अशब उद्दीन भी विभिन्न उद्घाटन स्थलों पर उपस्थित रहे।

असम में अरुणाचल स्टेशन (सिलचर) से गुजरते हुए मणिपुर से त्रिपुरा के लिए पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को दो टर्मिनल स्टेशनों जिरीबाम और अगरतला के अलावा सिलचर, बदरपुर, न्यू करीमगंज, धर्मनगर और अंबासा जैसे कुछ महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहरों से गुजारा जाएगा। ट्रेन के माध्यम से यात्रा करने का समय लगभग आधे से भी कम हो जाएगा क्योंकि सड़क मार्ग से 300 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगने वाले यात्रा का समय लगभग 12 घंटे या उससे ज्यादा है जिसके मुकाबले यह 06 घंटे का होगा।

इन सेवाओं के माध्यम से इन तीनों राज्यों सहित इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान समय में मणिपुर और त्रिपुरा के बीच कोई सीधा ट्रेन संपर्क नहीं है और वर्तमान समय में अगरतला और सिलचर के बीच केवल एक ट्रेन सुबह के समय चलती है। अब जनशताब्दी ट्रेन मणिपुर के लोगों को शैक्षिक और स्वास्थ्य सुविधाओं की प्राप्ति के लिए त्रिपुरा जाने के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और त्रिपुरा के लोगों को भी अपने क्षेत्र के अर्थव्यवस्था का समग्र विकास करने हेतु व्यापार, पर्यटन आदि का बढ़ावा करने के लिए मणिपुर की यात्रा करने का अवसर प्राप्त होगा।

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