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‘गुरुजन सम्मान समारोह’ में शास्त्रीय संगीत के सुरीले स्वरों से कलाकारों ने कराया सुखद-सुरम्य अहसास, नृत्य प्रस्तुति से किया तन-मन झंकृत, विशिष्ट विभूतियों का किया सम्मान

गुरु पूर्णिमा के महापर्व के उपलक्ष्य में 72वें गुरुजन सम्मान समारोह का भव्य आयोजन।

संगीत, साहित्य, चिकित्सा, जनसंचार एवं नाट्य क्षेत्र में विशिष्ट विभूतियों का अभिनंदन।

ब्रज पत्रिका, आगरा। संगीत कला केंद्र और पं. रघुनाथ तलेगाँवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा गुरु पूर्णिमा उत्सव का सुरम्य आयोजन होटल ग्राण्ड में किया गया। यह गुरु स्मरण कार्यक्रम संगीत महर्षि पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर, पं. विष्णु नारायण भातखंडे, पं. रघुनाथ तलेगाँवकर, श्रीमती सुलभा तलेगाँवकर, उस्ताद लल्लू सिंह एवं संगीत नक्षत्र पं. केशव रघुनाथ तलेगाँवकर जी को समर्पित किया गया।

सभा का शुभारम्भ संस्था अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार, संस्था सदस्य डॉ. आर. एस. पारीक, प्रो. हरिमोहन, किशन चतुर्वेदी, अरुण डंग, अंबरीश पटेल, संजय गुप्त, अनिल वर्मा, डॉ. मंगला एवं प्रबंधन्यासी प्रतिभा केशव तलेगाँवकर ने श्री गणेश जी, माँ सरस्वती जी और सभी सम्मानित गुरुवरों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया।

तत्पश्चात् श्रद्धेय पं. केशव जी द्वारा रचित नाद वंदना “नाद की साधना स्वर की आराधना” को संगीत कला केन्द्र के छात्रों – आर्ची, कल्पना ठाकुर, गोपाल मिश्र, गौरव गोस्वामी, जतिन नागरानी एवं हर्षित आर्य ने गुरु माँ प्रतिभा तलेगाँवकर के निर्देशन में प्रस्तुत किया। हार्मोनियम पर पं. रविंद्र तलेगाँवकर तथा तबला संगति शुभ्रा तलेगाँवकर एवं पवन कुमार ने की।

अगली प्रस्तुति के रूप में संगीत कला केन्द्र के नन्हे साधकों आरोन पैट्रिक, प्रत्यूष पाण्डेय, अर्पित मोदी, प्रियाक्षी सिंह, आर्येष अदम्य एवं दर्शित राज सोनी ने ग्वालियर घराने की परम्परागत रचना गुरु बिन कैसे गुन गावे को गुरु माँ प्रतिभा जी के निर्देशन में प्रस्तुत किया, हार्मोनियम पर पं. रविंद्र तलेगाँवकर तथा तबला पर संगति गोपाल मिश्र एवं पवन कुमार ने की।

इसके उपरांत नृत्य कला केन्द्र के साधकों ने अपनी गुरु आरती के निर्देशन में भरतनाट्यम समूह नृत्य की पुष्पांजलि, कीर्तनम एवं तिल्लाना शैली की रचनाओं में सम्पूर्ण भाव एवं लयात्मक ढंग से प्रस्तुति कर श्रोताओं का हृदय झंकृत कर दिया। तदोपरांत आरती संगीत कला केंद्र के छात्रों ने गुरु वंदन करते हुए गुरु पं. गिरधारी लाल के निर्देशन में अपनी संगीतमयी प्रस्तुति दी।

संगीतमयी कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में गुरु सृजन के अंतर्गत संगीत कला केन्द्र उभरते साधकों जतिन नागरानी एवं गोपाल मिश्र ने पं. रघुनाथ जी, पं. केशव जी एवं गुरु माँ प्रतिभा तलेगाँवकर द्वारा रचित रचनाओं को प्रस्तुत कर रसिकों को इन मूर्धन्य विद्वानों की विलक्षण रचनाशीलता का स्मरण कराया। हार्मोनियम पर साथ पं. रविंद्र तलेगाँवकर ने दिया तथा तबला संगति शुभ्रा तलेगाँवकर एवं पवन कुमार ने की।

कार्यक्रम के अगले चरण में दिल्ली से पधारे अतिथि पं. विजय शंकर मिश्र द्वारा गुरु-शिष्य परम्परा के सांगीतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक संयोग की मूलभूत सिद्धांतों के माध्यम से अत्यंत सूक्ष्म एवं गूढ़ व्याख्या की गयी। आपने प्राचीन एवं आधुनिक समय में इस पवित्र बंधन की प्रासंगिकता के विषय में अपने विचार रख सभागृह में उपस्थित सभी श्रोताओं, गुरुओं तथा छात्रों को सोचने पर विवश कर दिया।

विशिष्ट विभूतियों का उनके उल्लेखनीय कार्यों हेतु किया सम्मान

कार्यक्रम के अंतिम चरण में संस्था द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विलक्षण विभूतियों का अभिनंदन किया, जिसमें सर्वप्रथम चिकित्सा क्षेत्र में अभूतपूर्व सेवाओं हेतु परम आदरणीय डॉ राधेश्याम परीक को सम्मानित किया। साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जे.एस. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. हरि मोहन को सम्मानित किया गया।

संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिये पं. विजय शंकर मिश्र को सम्मानित किया गया। पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये किशन चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया। नाट्य क्षेत्र में योगदान के लिए उमा शंकर मिश्र को सम्मानित किया गया। सभी सम्मानित विभूतियों को संस्था द्वारा माल्यार्पण, मानपत्र एवं उपवस्त्र प्रदान कर अभिनंदित किया गया।

सुलभ संगीत प्रवीण के तृतीय संयुक्त संस्करण का किया लोकार्पण

इस अवसर पर पं. रघुनाथ तलेगाँवकर जी द्वारा रचित सुलभ संगीत प्रवीण के तृतीय संयुक्त संस्करण का भी लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक में स्नातकोत्तर स्तर के सभी रागों में पं. रघुनाथ जी की मौलिक रचनाओं का संकलन प्रकाशित किया गया है।

सुधी श्रोताओं से भी गुलज़ार रहा होटल ग्राण्ड का भव्य सभागार

कार्यक्रम का सुन्दर संचालन संस्कृति मंत्रालय से अनुमोदित उदघोषक देवप्रकाश शर्मा ने अत्यन्त सुन्दरता एवं कलात्मक अन्दाज़ में कर पूरे कार्यक्रम में श्रोताओं को बाँधे रखा। सम्मान पत्रों का वाचन आकाशवाणी आगरा के वरिष्ठ अधिकारी श्री कृष्ण ने किया।

सभा का समापन संस्था प्रबन्ध न्यासी प्रतिभा केशव तलेगाँवकर ने सभी रसिकों का आभार प्रकट करते हुए संस्था के आगामी कार्यक्रमों के लिये उपस्थित रहने का निवेदन कर धन्यवाद ज्ञापित किया। सुधि रसिकों की श्रेणी में एस.पी. बबीता साहू, अतिरिक्त आयुक्त साहब सिंह, आकाशवाणी के अवकाश प्राप्त कार्यक्रम अधिशाषी मुकेश वर्मा, उद्यमी अरविन्द कपूर, राजीव नागरानी, संजना नागरानी, संजय चतुर्वेदी, डॉ. महेश धाकड़, सलीम खान, असलम सलीमी, हरिओम् माहौर, शरद गुप्त आदि उपस्थित रहे।

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