किशोरवय लेखिका इशिका बंसल बनीं जब एक दिन की थानेदार, फैसले लेने में दिखा इशिका की क़ाबिलियत का कमाल, थानेदारी सँभालते ही दिखाया रूप अपना रौबदार!
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा की मेधावी छात्रा इशिका बंसल बनी एक दिन की थानेदार!
उत्तर प्रदेश सरकार के ‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत संभाला हरीपर्वत थाने का पूरे एक दिन का चार्ज!
ब्रज पत्रिका, आगरा। नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस पर शुक्रवार को ताज नगरी की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त अंग्रेजी लेखिका और जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा इशिका बंसल को जिला प्रशासन द्वारा एक दिन का थानेदार बनाया गया।
प्रशासन के निर्देशानुसार इशिका सुबह 10:00 बजे अपनी मां सरिता बंसल और पिता कवि कुमार ललित के साथ हरीपर्वत थाने पहुंची। थाना प्रभारी अजय कौशल ने उनका बुके देकर स्वागत किया और उनको एक दिन के लिए चार्ज सौंपते हुए अपनी कुर्सी पर सम्मान पूर्वक बैठाया।
उनके साथ साथ एसपी सिटी रोहन प्रमोद बोत्रे और एएसपी सौरभ दीक्षित ने इशिका को पूरा थाना परिसर घुमाते हुए कारागार, शस्त्रागार, महिला हेल्पडेस्क, माल ग्रह, पुरुष बंदी ग्रह आदि स्थलों का निरीक्षण कराया। इस दौरान उसको लिखा-पढ़ी के विभिन्न रजिस्टर और पुलिस विभाग की पूरी कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई।
इस दौरान घटिया आजम खान क्षेत्र से हर्ष फायरिंग रोके जाने के लिए एक प्रार्थना पत्र मिलने पर इशिका ने तुरंत घटिया आजम खान चौकी इंचार्ज को फोन पर निर्देश दिए कि विभिन्न बारात घरों और मांगलिक कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण किया जाए और वहां हर्ष फायरिंग न किए जाने के निर्देश दिए।
इस दौरान थाना प्रभारी का ऑफिशियल मोबाइल फोन इशिका के हाथ में ही रहा तो उस फोन पर गांधी नगर से एक व्यक्ति ने शिकायत की कि यहां लोग बिना मास्क पहने घूम रहे हैं जिससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है। इस पर तुरंत इशिका ने विजयनगर चौकी इंचार्ज को फोन लगाकर कहा कि वह क्षेत्र में निकलें और मास्क न पहनने वाले लोगों का चालान काटें।
एक और फोन कॉल पर एक व्यक्ति द्वारा केस नंबर देकर अपने केस की जब जानकारी मांगी गई तो इस संबंध में भी इशिका ने तुरंत निर्देश दिए कि इनकी जानकारी जुटाकर इनको प्रदान की जाए।
संजय प्लेस में काटे चालान
एक दिन की थानेदार बनी इशिका बंसल ने थाना प्रभारी की गाड़ी में बैठकर संजय प्लेस क्षेत्र का मौका मुआयना किया और वहां माइक से निर्देश देकर आड़ी तिरछी खड़ी गाड़ियों को हटवाया। इशिका ने मोबाइल पर पुलिस एप के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से रॉन्ग साइड खड़ी तीन कारों और मास्क न पहनने वाले एक व्यक्ति सहित कुल 4 चालान काटे।
इशिका के सम्मान का लगा तांता
एक दिन की थानेदार बनी इशिका बंसल को एडीजी अजय आनंद और आईजी सतीश गणेश के आशीर्वाद के साथ-साथ संकल्प सेवा संस्थान के समाजसेवी बृजेश पंडित, पार्षद अमित ग्वाला, श्री अग्रबंधु समन्वय समिति के महामंत्री चंद्रेश गर्ग और केके अग्रवाल, अग्रवाल महासभा से जुड़े विकास गर्ग (लकी), अमेजिंग आगरा के पंकज विकल, संजय अग्रवाल भट्टे वाले, प्रताप चंद्र जैसवाल स्मृति समिति के वासु जैसवाल और जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल से राहुल गुप्ता ने थाने पहुंचकर बुके देकर इस अनूठी उपलब्धि के लिए सम्मानित किया और साहित्य क्षेत्र में उसकी उपलब्धियों की सराहना की।
इशिका ने जताया आभार
इस मौके पर स्थानीय पुलिस के उच्च अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए इशिका ने उनको अपने काव्य संग्रहों की प्रतियां उपहार स्वरूप भेंट कीं। इस लाइफ चेंजिंग और यादगार अनुभव से गदगद इशिका ने उम्मीद जताई कि इस नेक पहल से पुलिस और आम आदमी के बीच में बेहतर संवाद और समन्वय स्थापित होगा। साथ ही अन्य बेटियां भी खुद को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित होंगीं।
समझी पुलिसिंग-जागा सम्मान
एक दिन की थाना प्रभारी इशिका बंसल ने एसपी सिटी रोहन प्रमोद बोत्रे, एएसपी सौरभ दीक्षित और थाना प्रभारी अजय कौशल जी व अन्य अधिकारियों के साथ दिन भर समय व्यतीत करने के बाद अपना अनुभव साझा करते हुए पत्रकारों को बताया कि,
“उसकी पुलिस के प्रति पूरी धारणा ही बदल गई। आज उसे समझ में आया कि पुलिस कितनी जिम्मेदारी से दिन रात पीड़ितों को न्याय दिलाने और अपराधों की रोकथाम के लिए अपनी खुशियों का गला घोंट कर अपने घर-परिवार से दूर रहकर काम करती है। पुलिस की कार्यप्रणाली, कार्यशैली, उनकी जागरूकता, मेहनत, निष्ठा और संवेदनशीलता देखकर इशिका अचंभित रह गई। उसने पुलिसिंग को करीब से समझा-जाना तो उसके मन में पुलिस के प्रति गहरा सम्मान जागा। उसने कहा कि मैं बड़े होकर एक आईपीएस अधिकारी बनने के बारे में अब जरूर गंभीरता से सोचूंगी। उसने पुलिस विभाग की मुक्त कंठ से सराहना की।”