लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी और उदीयमान भगवान सूर्यदेव को दिया अर्घ्य, विधि-विधान से की गयी पूजा-अर्चना, श्रद्धाभाव के साथ छठ मैया का व्रत भी रखा
ब्रज पत्रिका। पूर्वांचल के प्रमुख महापर्व छठ पूजा पर इस बार कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक कार्यक्रम तो नहीं हुए मगर पूर्वांचलियों ने इस महापर्व को पूरी आस्था और विश्वास के साथ अपने-अपने घरों में मनाया। लोक परम्पराओं के निर्वाह के साथ इस मौके पर व्रत भी रखा और सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर उनकी धार्मिक विधि-विधान से पूजा भी की।
देश-विदेश में लगभग अन्य सभी क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ भी बिहार और पूर्वांचल समाज के लोग रहते हैं, उन्होंने श्रद्धाभाव संग व्रत रखे और पूजा-अर्चना की। इस महापर्व की पूजा से पहले नदियों सहित अन्य जलाशयों में खड़े होकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाती है, मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं।
छठ पूजा महापर्व के अवसर पर अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की जाती है। लिहाज़ा नदियों और जलाशयों के किनारे मेले जैसे नजारे दिखाई दिए। इस महापर्व में फल-फूल और घर में बने पकवानों से भीग लगाया जाता है, लेकिन इन सबके साथ ही पूजा-अर्चना के बाद स्वादिस्ट ठेकुआ के प्रसाद का वितरण भी किया जाता है।
इसके साथ ही छठ मैया की आराधना करते हुए लोक गीत और भजन भी गाये जाते हैं। इस बार कोरोना के खात्मे की प्रार्थना भी की गयीं। अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य नारायण के दर्शन बाद लोग ख़ुशी में डूबकर जश्न मनाते हुए दिखे। ढोल की थाप पर भी बिहार और पूर्वांचल लोग झूमते और नाचते हुए दिखाई दिए।
बिहार में खासतौर से इस पर्व की छटा देखते ही बनती है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तथा बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी श्रद्धाभाव संग महापर्व छठ पर पूजा अर्चना की। दोनों ही नेताओं के समर्थकों में भी इस पूजा को लेकर जबर्दस्त जोश दिखाई दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर 1 अणे मार्ग में उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।
इससे पहले लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग में अर्घ्य अर्पित किया।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने छठ महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा है,
“खेत खलिहान धन और धान यूं ही बनी रहे हमारी शान छठ पूजा की शुभकामनाएं।”
बिहार के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी छठ पूजा के इस महापर्व की रौनक दिखाई दी। ब्रज क्षेत्र में भी छठ पूजा की अनूठी रंगत दिखाई दी। यमुना के घाटों पर छठ पूजा के लिए बिहार और पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने अस्त होते हुए और उदय होते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। घर-घर में इस पर्व का उल्लास और उमंग दिखाई दिया। लोक गीत-संगीत की भी स्वर लहरियाँ सुनाई दीं। अब विदेशों तक इस पर्व की रंगत दिखाई देने लगी है। यह लोक सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत बिहार और पूर्वांचल के लोगों के साथ देश की सरहदों के पार पहुँची। आज वही लोग अपने-अपने स्तर पर इस महापर्व को मनाते हैं। इसके अलावा आज मीडिया और सोशल मीडिया ने भी इस छठ महापर्व को विश्वव्यापी बना डाला है।