कुष्ठ सेवा सदन बेशक इन कुष्ठ रोगियों के लिए उनके अपने घर जैसा है
ब्रज पत्रिका, आगरा। लैप्रोसी पेशेन्ट्स वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में कुष्ठ सेवा सदन, पूर्वी गेट, ताजमहल पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर गुरुवार को ‘कुष्ठ निवारण दिवस’ मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. शालिनी सिंह, निदेशक, राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान, ताजगंज आगरा थीं। अध्यक्षता प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, राज्यमंत्री, भारत सरकार ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष द्वारा महात्मा गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात दो मिनट का मौन रखकर गांधी जी को श्रद्धांजलि दी गई एवं कल्पना शर्मा द्वारा रामधुन का गायन किया गया।
इस अवसर पर पुस्तिका ‘एक सफर तिरस्कार से सत्कार तक’ का विमोचन किया गया। सचिव डॉ. मधु भारद्वाज ने बताया कि,
“पुस्तिका में कुष्ठ रोग के लक्षण एवं विभिन्न अवस्थाओं की जानकारी दी गई है।”
डॉ. मधु भारद्वाज ने कहा कि,
“यह बिल्डिंग 1861 की बनी हुई है, जिसमें कुष्ठ रोगियों को निःशुल्क रहने, खाने-पीने एवं दैनिक आवश्यक सामान की व्यवस्था शहर के दानदाताओं द्वारा की जाती है। यह बिल्डिंग 164 वर्ष पुरानी है, जिसमें यह सोसाइटी पिछले 18 वर्षों से कुष्ठ रोगियों के लिए सेवा कार्य कर रही है। कुष्ठ सेवा सदन बेशक इन कुष्ठ रोगियों के लिए उनके अपने घर जैसा है।”
साथ ही उन्होंने भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. राजेन्द्र मिलन ने ‘बढ़ते आतंकवाद पर गाँधी दर्शन ही समुचित है’ कविता सुनाई। डॉ. शशि गुप्ता ने ‘वंदे मातरम, बापू में था दम‘ कविता प्रस्तुत की। डॉ. रामेन्द्र शर्मा ‘रवि’ एवं शरद गुप्ता ने भी गाँधी जी पर काव्य पाठ किया।
सोसाइटी के उपाध्यक्ष डॉ. ए. एस. सचान ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय दिया। साथ ही सोसाइटी के अतीत की भी जानकारी दी और भविष्य में इसी प्रकार कुष्ठ रोगियों की सेवा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि,
“सामाजिक कार्य हम सबके सहयोग से ही संभव हो पाते हैं।”
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. शालिनी सिंह, निदेशक, राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान, ताजगंज, आगरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि,
“कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही हूँ। आशान्वित हूँ कि सरकार हमारी मदद करेगी।”
सह-अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. डी. वी.शर्मा, वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ ने कहा कि,
“राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि देते हुए मुझे सोसाइटी के पूर्व सचिव डॉ. वेद भारद्वाज की बहुत याद आ रही है। कुष्ठ रोगियों की सेवा करने की प्रेरणा मुझे उनसे ही मिली।”
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, राज्यमंत्री, भारत सरकार ने कहा कि,
“गाँधी जी के चरणों में आगरा की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ऐसे लोग रोज पैदा नहीं होते। गाँधी तो गाँधी था, दूसरा पैदा नहीं हो सकता।”
विशिष्ट अतिथि जे. एस. फौजदार ने कहा कि,
“गाँधी जी शांति, सत्य एवं अहिंसा के दूत थे। हमें उनके दर्शाए मार्ग पर चलना चाहिए।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. पंकज नगायच ने कहा कि,
“मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने भी शबरी के जूठे बेर खाकर एवं केवट की नाव में बैठकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया था, इसलिए कुष्ठ रोगियों की सेवा ही हमारे लिए सर्वोपरि ध्येय होना चाहिए।”
इस अवसर पर नीलम शर्मा, शैलजा अग्रवाल, कल्पना शर्मा, डॉ. राजकमल, संजय चोपड़ा, वी.के.गुप्ता, जी. एस. मनराल, मनीष सुराना, रमन देव, पं. ब्रह्मदत्त शर्मा, के. के. मोहन्ती, ममता अरोड़ा, दीपा विष्ट, इन्दिरा, शशि शिरोमणि, अनिल शर्मा, संजय गुप्त आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को आयोजित कराने में कु. गरिमा भारद्वाज, कु. उपलब्धि भारद्वाज एवं शिवशंकर बघेल का भी विशेष सहयोग रहा। अंत में अतिथियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर. सी. अग्रवाल द्वारा किया किया।