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जम्मू-कश्मीर में तैनात सैन्य उड़ान इकाई ने वार्षिक उड़ान सुरक्षा ट्रॉफी जीती

ब्रज पत्रिका। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) फ्लाइट सेफ्टी ट्रॉफी की स्थापना इंडियन आर्मी एवियशन कोर यूनिटों के बीच उड़ान सुरक्षा संबंधी प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई, ताकि सैन्य कमांडरों को युद्ध की स्थितियों के दौरान निर्णायक बढ़त मिल सके। यह ट्रॉफी भारतीय सेना विमानन कोर में उन इकाइयों को प्रदान की जाती है, जो उड़ान सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से काम करती हैं।

सेना विमानन कोर उच्च स्तर की तकनीकी रूप से दक्ष इकाई है जो त्रि-आयामी स्तर पर काम करती है। उड़ान सुरक्षा शांति और सैन्य अभियानों में समान रूप से व्यापक महत्व रखता है। इस पुरस्कार को प्रदान करने में विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाता है जिसमें कमांडरों का फील्ड फोर्मेशन, इकाई में दुर्घटना/घटना के मामले, रख-रखाव के नियमों का पालन, बेहतर अभ्यासों का क्रियान्वयन और उड़ान सुरक्षा से जुड़े ऐसे प्रयास जिनका ब्यौरा संग्रहित योग्य हो, इत्यादि शामिल हैं।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 2019-20 में तैनात की गई सेना की 663वीं सेना विमानन कोर को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह स्क्वाड्रन सेना विमानन कोर की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन में से एक है, जो नियंत्रण रेखा पर सैन्य अभियानों और कश्मीर घाटी में घुसपैठ रोकने के अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाती रही है। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुन्द नरवणे ने सैन्य कमांडरों के कार्यक्रम के समापन दिवस पर इकाई के कमांडिंग ऑफिसर और सूबेदार मेजर को सीओएएस, उड़ान सुरक्षा ट्रॉफी प्रदान की।

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