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आपदा को अवसर में बदल मनिंदर वासु ने बनाया एक म्यूज़िक वीडियो ‘पुकार लो’

ब्रज पत्रिका। लॉक डाउन में अपने आसपास ही खुशियों को तलाशा जा सकता है इसको साबित किया है कुछ कलाकारों ने, जो कि इस मुश्किल वक़्त में कारात्मकता को दूर रखकर सकारात्मकता के साथ जीवन जीने की ज़िद रखते हैं।

ऐसे ही कलाकारों की नुमाइंदगी करते हैं अपने आगरा की मिट्टी में पले और बढ़े हुए सतबीर सिंह वासु और देवेंदर कौर वासु के सुपुत्र मनिंदर सिंह वासु उर्फ ‘मन’ जिन्होंने परेशानी वाले दिनों में भी हताशा और निराशा से मुरझाये हुए चेहरों पर मुस्कुराहट बिखेरने का जतन किया है, एक खूबसूरत गीत को लेकर म्यूजिक वीडियो बनाकर।

हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम युग के एक लोकप्रिय गीत को लेकर उन्होंने अपने ही आसपास की साधारण सी लोकेशन और समुद्र का खूबसूरत किनारा लेकर फ़िल्माया है।

फ़िल्म ‘ख़ामोशी’ के गुलज़ार द्वारा लिखे गए गीत ‘पुकार लो’ को मूल रूप से तो हेमंत कुमार ने गाया है मगर इसका कवर सांग नूपुर शर्मा और रैबिट ने गाया है एक दम बिल्कुल नए अंदाज में कपिल कांत की शायरी के साथ।

इसको रैबिट के संगीत के साथ खूबसूरत विजुअल्स के साथ मनिंदर ने एक म्यूजिक वीडियो के रूप में प्रस्तुत किया है अपने निर्देशन में।

प्राकृतिक आपदाओं के मारे बुरे वक़्त को भी मात देने का माद्दा रखने वाले नौजवानों की जमात में शामिल मनिंदर वासु ने ब्रज पत्रिका को इसके अनुभव साझा करते हुए बताया कि,

“प्रयास, एक प्रयास ..! रचनात्मकता कोई सीमा नहीं जानती है, और न ही किसी भी चीज द्वारा प्रतिबंधित होने के कारण को भी, कि यह एक महामारी या तालाबंदी है! घर में बैठ गया, कहीं जाना नहीं; बस मुझे बेचैनी और सोच मिली, हम अपनी सांसारिकता और कम्फर्ट जोन्स से बाहर निकल गए। इसलिए लोगों, यहां हम हमारे इस काम के प्रति प्रेम की मेहनत को प्रस्तुत कर रहे हैं! कृपया वीडियो देखें, आशा है कि आप इसे देखने का उतना ही आनंद लेंगे, जितना हमने इसके लिए एक जोश के साथ धमाकेदार शूटिंग में लिया था!”

मनिंदर वासु कहते हैं आप भी इसकी व्याख्या कर सकते हैं, लेकिन अगर आप मुझसे पूछें कि यह सब क्या है? तो मैं तो कहूंगा,

“लव, एक अव्यक्त और अपरिभाषित; एक अजेय प्रेम!”

दिल बहल तो जायेगा इस ख़याल से…तुम पुकार लो…!

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