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राम मंदिर शिलान्यास को कोरोना से जोड़ना सही नहीं, मंदिर राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक-राम माधव

ब्रज पत्रिका। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तैयारी ज़ोरों से चल रही है। ऐसे में पाँच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन तय किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में बहुत से लोगों का मानना है कि कोरोना के दौर में राम मंदिर का भूमि पूजन ज़रूरी नहीं है।

अयोध्या में भव्य-विशाल राम मंदिर का यह प्रस्तावित मॉडल।

‘न्यूज़-18 इंडिया’ से बातचीत में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि,

राम माधव, राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा -फ़ाइल फ़ोटो

“राम मंदिर एक राष्ट्रीय संकल्पना का प्रतीक है। ये एक जारी प्रक्रिया है। उसका एक महत्वपूर्ण अध्याय पाँच अगस्त को होगा, जहाँ एक पहली नींव रख कर उसका काम धीरे-धीरे आगे जारी रहेगा, इसलिए उसको कोरोना से जोड़ने का कोई कारण नही है।”

उनके अनुसार मंदिर निर्माण का इस देश के करोड़ों लोग बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। दशकों का संघर्ष और शताब्दियों के संकल्प का अच्छा नतीजा निकालने वाला है, उन्होने कहा,

“एक साल पहले पाँच अगस्त को ही अनुच्छेद 370 भी हटाया गया था। लेकिन विपक्ष का कहना है कि अभी भी वहाँ स्थिति सामान्य नही हुई है। इस पर राम माधव ने कहा कि कश्मीर में विकास और जन-जीवन बिल्कुल सामान्य है, हालाँकि कोरोना के समय गतिविधियाँ धीमी हैं। मैं पिछले एक साल में जितनी बार भी श्रीनगर गया हूँ, मुझे ट्रॅफिक जाम का सामना करना पड़ा। जब पाँच-छह अगस्त को लोकसभा में बहस हो रही थी, तब विपक्ष बोल रहा था कि कश्मीर में खून ख़राबा हो जाएगा, लेकिन पिछले एक साल में ऐसा कुछ नहीं हुआ, पत्थरबाज़ी भी नही हुई। लोग शांति से अपना जीवन चला रहे हैं।”

लेकिन कुछ नेता अभी भी नज़रबंद हैं। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि केवल महबूबा मुफ़्ती के उपर पीएसए है, और एक-दो लोगों को छोड़कर बाकी सब नेता फ्री हैं। उन्होंने उल्टा विपक्ष पर हमला बोला। राम माधव ने कहा,

“पिछले 6 महीने से पीडीपी, एन.सी., सब के नेता फ्री हैं घाटी में लेकिन वहाँ की राजनीतिक गतिविधियों में दिखते नहीं हैं, घर में बैठे हुए हैं, ट्विटर और फ़ेसबुक के पीछे छुपकर अपनी राजनीति चलाना चाहते हैं। आतंकवाद की वजह से कोई मरता है, तो देखने भी नही जाते। कांग्रेस के सरपंच मारे गये, लेकिन कांग्रेसी गये नही उनसे मिलने। लोगों को मुश्किलात है तब नेता उपलब्ध नहीं हैं तो ये नेता हैं किसलिए? सत्ता आई तो सत्ता के भोग के लिए बैठे हुए हैं? आज परिस्थिति सामान्य है फिर भी एक भी पीडीपी, एन.सी. नेता सामने नही आया है। या तो वो दिल्ली में बैठते हैं या फ़ेसबुक और ट्विटर के माध्यम से जनता को दर्शन देते हैं। मैं चाहता हूँ राजनीतिक गतिविधियों में सभी दल आगे आयें।”

राजस्थान की राजनीति पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि,

“कांग्रेस पार्टी को इकट्ठा रखने का ठेका बीजीपी ने नहीं ले रखा है, वो उनकी समस्या है। राहुल गाँधी को अपना दिव्य ज्ञान कांग्रेस के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। पार्टी की कोई दशा नही है, दिशा नही है, पहले उनकी चिंता करें देश की चिंता मोदी जी कर रहे हैं, और देश की जनता मोदी जी के साथ है।”

चीन के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि,

“वहाँ पर पैंगोंग त्सो लेक पर और पेट्रॉल्लिंग पॉइंट-17 पर भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी हैं। हम और वो एक आधा किलोमीटर दूरी पर खड़े हैं। हमारी सेना बिल्कुल संकल्प और निष्ठा के साथ एलआएसी की रक्षा में लगे हैं। हमें उन पर भरोसा रखना चाहिए।”

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