संगीत की नगरी आगरा में स्वर ताल उत्सव में झूमे श्रोतागण
ब्रज पत्रिका, आगरा। ताल सरगम एकेडमी, आगरा द्वारा “पंडित श्रीधर शर्मा स्मृति स्वर-ताल उत्सव-2025” का भव्य आयोजन श्री अटल बिहारी बाजपेयी सभागार, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा में संपन्न हुआ। जिसमें देश के अनेक ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां देकर आगरा के संगीत रसिकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील बाबूराव कुलकर्णी के प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह चौहान, प्रो. रवि भटनागर, मानसिंह तोमर यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति प्रो. लवली शर्मा, अरविन्द कपूर, हीरा सिंह, ठा. विजय पाल सिंह, प्रो. देवेन्द्र वर्मा, मोहित श्रीवास्तव ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया।
ताल सरगम एकेडमी के विद्यार्थियों निरुपमा शर्मा, मोनिका गुप्ता, नैन्शी आज़ाद, बानी वुप्पुलुरी, सुरत सखी, नरगिस सिंघल, संध्या, स्तुति अग्रवाल, अन्तरा सत्संगी, नित्या पाल, विदुषी शाक्य, अभिनव सोनी और मौंटी कुमार ने माँ सरस्वती की आराधना स्वरुप प्रसिद्ध कवि सोहन लाल द्विवेदी की रचना “वंदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो” की प्रस्तुत की। इसमें तबला संगति विशाल तथा संवादिनी संगति महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रदान की। वंदना का निर्देशन पंडित गौतम तिवारी द्वारा किया गया। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने नगर के प्रतिष्ठित संगीत रचनाकार प्रो. रवि कुमार भटनागर के निर्देशन में एकेडमी गीत प्रस्तुत किया, जिसके बोल थे “ताल सरगम शिक्षालय संगीत विद्या का सदन”, जो कि राग हंसध्वनि में निबद्ध था।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण था नगर की प्रसिद्ध युवा शास्त्रीय गायिका शुभ्रा तलेगाँवकर का गायन। उन्होंने राग “श्याम कल्याण” की सुन्दर अवतारणा करते हुए विलंबित रूपक ताल में निबद्ध रचना “विनती सुनो मोरी”, द्रुत ख्याल “कान्हा मोरी बात न माने का करूँ” प्रस्तुत करने के पश्चात राग मिश्र खमाज में ठुमरी नुमा रचना “मारो न मारो मोपे पिचकारी कान्हा” प्रस्तुत की, जो अद्धा ताल में निबद्ध थी। उनकी प्रस्तुतियों ने खूब प्रशंसा प्राप्त की। विधिवत स्वर लगाव, राग की सिलसिलेवार बढ़त तथा तानों की उत्कृष्टता श्रोताओं को बांधे रखने में पूर्ण सक्षम थी। भानु प्रताप सिंह ने उनके साथ तबले पर तथा प्रतिभा तलेगाँवकर ने संवादिनी पर कुशल संगत प्रदान की। शुभ्रा तलेगाँवकर को “डॉ. वी. प्रेम कुमारी सम्मान-2025” प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का अगला मुख्य आकर्षण दिल्ली से पधारे भारत के उभरते संतूर वादक दिव्यांश हर्षित श्रीवास्तव का वादन था। उन्होंने राग पूरिया कल्याण में आलाप, जोड़, झाला के पश्चात क्रमशः झपताल, एकताल तथा तीनताल में गत प्रस्तुत की। आपकी विधिवत रागानुकूल बढ़त, लयकारी, तिहाइयों, तान-तोड़ों की तैयारी और लाजवाब प्रस्तुति ने सुधी श्रोताओं को आद्योपांत बाँधकर रखा। उनके साथ दिल्ली से ही पधारे सागर गुजराती ने तबले पर तथा दिव्यांश कुमार ने पखावज पर अत्यंत कुशल संगत प्रदान कर कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए।
एकेडमी की ओर से दिव्यांश हर्षित श्रीवास्तव को “पंडित मुकुंद विष्णु काल्विंट सम्मान-2025”, सागर गुजराती को “पंडित श्रीधर शर्मा सम्मान-2025” तथा दिव्यांश कुमार को “श्री लल्लू सिंह सम्मान-2025” प्रदान किया गया। सभी कलाकारों और अतिथियों को एकेडमी के निदेशक तथा नगर के प्रसिद्ध तबला वादक रवींद्र सिंह द्वारा शाल, सम्मान पात्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन नगर के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक गौतम तिवारी ने किया।
कार्यक्रम में नगर के अनेक सुधी संगीत साधकों, प्रतिष्ठित कलाकारों, शिक्षाविदों, संगीत रसिकों की मौजूदगी रही। डॉ. सदानंद ब्रम्ह्भट्ट, पं. योगेश शर्मा, विलास पालखे, शम्भू दयाल श्रीवास्तव, गिरधारी लाल शर्मा, अरुण साहू, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. महेश धाकड़, धन्वन्तरी पराशर, मंगला तलेगाँवकर, रमन सिंह धाकड़ आदि ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एकेडमी की अध्यक्ष नीलम पाल, उपाध्यक्ष डॉ. कीर्ति तिवारी, कोषाध्यक्ष सचिन शुक्ला तथा महासचिव करन प्रताप ने अमूल्य सहयोग प्रदान किया।