ब्रजेश्वर मुखर्जी के शास्त्रीय गायन और पं. अजय शंकर प्रसन्ना की बांसुरी के सुरों से सजेंगी निनाद में संगीत सभाएं
द्वि-दिवसीय 60वें निनाद महोत्सव का जेपी सभागार में होगा वृहद आयोजन।
ब्रज पत्रिका, आगरा। पं. रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं महिला प्रकोष्ठ, डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में संगीत कला केन्द्र, आगरा एवं प्राचीन कला केन्द्र, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित अखिल भारतीय महर्षि पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर संगीत सम्मेलन का वृहद आयोजन दिनांक 14 एवं 15 दिसम्बर 2024 को जे. पी. सभागार, खंदारी, आगरा में आयोजित किया जा रहा है।
ट्रस्ट की सचिव प्रतिभा केशव तलेगांवकर की सूचना के अनुसार द्वि-दिवसीय निनाद महोत्सव में तीन सभाओं के अंतर्गत भारत के नवोदित एवं प्रतिष्ठित कलाकार अपनी कला प्रस्तुति देंगे। उद्घाटन 14 दिसंबर, 2024 शनिवार को सायं 5 बजे कुलपति प्रो. आशु रानी के कर कमलों द्वारा किया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रथम सभा सबरस संगीत संध्या श्रीमती सुलभा तलेगांवकर को समर्पित होगी। जिसमें पद्मभूषण अजय चक्रवर्ती के सुयोग्य शिष्य ब्रजेश्वर मुखर्जी शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार महमूद खां तबला एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर संगत करेंगे।
द्वितीय प्रस्तुति लखनऊ घराने के नवोदित युगलवृन्द अनुज मिश्रा और नेहा सिंह मिश्रा की कथक नृत्य में युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार विकास मिश्रा तबला, अरविंद मसीह सितार एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर संगत करेंगे।
दूसरे दिन 15 दिसम्बर, 2024 रविवार प्रातः 9 बजे नाद साधना प्रातः कालीन संगीत सभा होगी जो कि संगीत समीक्षक डा. मुकेश गर्ग जी को समर्पित होगी। इस सभा के मुख्य अतिथि बाबा प्रीतम सिंह जी, अध्यक्ष – गुरू का ताल गुरुद्वारा, आगरा होंगे। सभा में जयपुर की डा. उमा विजय एवं उनके शिष्यवृन्द पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी की जन्मशती के अवसर पर पंडित जी द्वारा रचित आदि भैरव और उसके प्रकार की प्रस्तुति करेंगे। सहयोगी कलाकार हेमेन्द्र गुप्ता संवादिनी एवं डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबला संगति करेंगे। तदोपरांत मृदंग महर्षि स्वामी पागल दास जी महाराज के प्रमुख शिष्य डा. संतोष नामदेव (हरिद्वार) पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर संगत करेंगे। तत्पश्चात सेनिया-मैहर घराने के देवाशीष एवं देवादित्य चक्रवर्ती गिटार-सितार युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार डॉ. हरिओम हरि तबले पर साथ में होंगे।
निनाद महोत्सव की समापन सभा सायं 5 बजे गुरु श्री एम.एल. कौसर जी को समर्पित होगी। जिसमें संगीत मनीषीयों एवं संस्कृति संरक्षकों को सम्मानित किया जायेगा। मुख्य अतिथि के रूप में पधारेंगे पद्मश्री डॉ. राधेश्याम पारीक, संस्थापक पारीक फाउंडेशन। इस समापन सत्र में ग्वालियर घराने के प्रमुख कलाकार प्रो. जयंत खोत शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर और डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबले पर संगत करेंगे। कार्यक्रम की समापन प्रस्तुति के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक पं. अजय शंकर प्रसन्ना बांसुरी वादन प्रस्तुत करेंगे। तबले पर सहयोगी कलाकार होंगे डा. हरिओम हरि, खैरागढ़।