‘सेवा आगरा’ ने सुल्तानगंज फ्लाईओवर के नीचे बढ़ती शीत लहर में जीवन रक्षा का अभियान किया शुरू
‘सेवा आगरा’ ने मोक्षदा एकादशी पर जरूरतमंदों को कंबल और भोजन किया वितरित।
ब्रज पत्रिका, आगरा। खुली छतों के दिए कब के बुझ गए होते। कोई तो है जो हवाओं के पर कुतरता है.. मशहूर शायर वसीम बरेलवी का यह शेर बुधवार-दोपहर सुल्तानगंज पुलिया फ्लाईओवर के नीचे सार्थक और साकार होता हुआ दिखा, जब प्रमुख सामाजिक संस्था ‘सेवा आगरा’ द्वारा मोक्षदा एकादशी के पावन अवसर पर गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल और भोजन के पैकेट वितरित किये गये।
इस अवसर पर सेवा आगरा के संस्थापक-अध्यक्ष, भाजपा पार्षद और प्रमुख समाजसेवी मुरारीलाल गोयल पेंटवालों ने बताया कि,
“बढ़ती शीत लहर को देखते हुए ‘सेवा आगरा’ द्वारा जीवन रक्षा का यह अभियान शुरू किया गया है। उम्मीद है कि इस नेक पहल से प्रेरणा लेकर अन्य सामाजिक संगठन भी शहर के कोने-कोने में अभियान चलाकर निर्धन व जरूरतमंदों का सहारा बनेंगे।”
संस्थापक सुमन गोयल ने कहा कि,
“हम लोग तो घरों में रजाई ओढ़कर सो जाते हैं, किंतु यह गरीब बेचारे सड़कों-गलियों, फुटपाथों और दुकानों के बाहर सर्दी में रात भर ठिठुरते रहते हैं। इनकी सुविधा के लिए हर वर्ष की तरह इस बार भी यह नेक पहल की गई है। आगे भी सेवा का यह सिलसिला चलता रहेगा।”
इस दौरान मुकेश अग्रवाल, विश्वनाथ भारद्वाज, मयंक खंडेलवाल और जितेंद्र सिंह भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।