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अयोध्या यात्रा के रामरथ का हुआ भव्य स्वागत, जय श्रीराम के जयघोष से गूंजा आगरा

• सुमेरपुर राजस्थान से अयोध्या जा रही पांच दिवसीय विशाल यात्रा का दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पर हुआ आगमन।

• पंचधातु से निर्मित 1100 किलो के विशाल राम धनुष एवं 1600 किलो की हनुमान गदा है इस यात्रा का मुख्य आकर्षण ।

ब्रज पत्रिका, आगरा। सुमेरपुर राजस्थान से श्री जी सनातन सेवा संस्थान द्वारा अयोध्या जा रही विशाल अयोध्या यात्रा का शुक्रवार को गुरु का ताल के पास स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पर भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान श्री रामरथ का बाबा श्री मनकामेश्वर नाथ मंदिर के महंत श्री योगेश पुरी द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके भव्य आरती की गई।

इस मौके पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार की केबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य थीं। उन्होंने हनुमान गदा का पूजन करने के पश्चात कहा कि,

“यह यात्रा लोक कल्याण के उद्देश्य से हो रही है, मैं कामना करती हूँ इसके सभी मनोरथ सिद्ध हों।”

यात्रा के आगरा पड़ाव के स्वागताध्यक्ष पूरन डावर ने इस मौके पर कहा कि,

“इस प्रकार के आयोजन हमें हमारी सनातन संस्कृति से जोड़ते हैं, यात्रा में शामिल सभी भगवान श्री राम के भक्तों का मैं स्वागत करता हूँ।”

यात्रा का नेतृत्व कर रहीं आचार्य दीदी डॉ. सरस्वती देवकृष्ण गौड़ ने कहा,

“श्री राम रथ में विराजमान पंचधातु से निर्मित 1100 किलो के विशाल राम धनुष एवं 1600 किलो की हनुमान गदा का बड़ा आध्यत्मिक महत्त्व है।”

यात्रा संयोजक नरपत परिहार ने कहा,

“इस विशाल यात्रा में सूरजपाल सिंह, पं. रमेश दवे, महेंद्र दवे, बिशन सिंह देवड़ा का विशेष सहयोग मिल रहा है। मातृशक्ति उषा सोनी, दुर्गा गहलौत, सरस्वती सोनी, ओमबाला परमार, कृष्णा सोनी, पायल सोनी की भी भूमिका अहम है। यात्रा के स्वागत समारोह में व्यवस्थाएं इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति के अजय शर्मा, कन्वीनर ब्रजेश शर्मा एवं अविनाश वर्मा ने संभालीं।”

इस मौके पर ये लोग रहे मौजूद

स्वागत समिति के राजीव वासन, अप्सा अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता, गजल गायक सुधीर नारायण, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी, पंचमुखी श्री हनुमान मंदिर समिति के अध्यक्ष महेंद्र कुमार शर्मा, भाजपा नेता श्याम भदौरिया, व्यापारी नेता टीएन अग्रवाल, डीजीसी अशोक चौबे, समाजसेवी मुरारी प्रसाद अग्रवाल, डॉ.कैलाश चंद्र सारस्वत, डॉ. पंकज नगाइच, संजय गोयल, शकुन बंसल, हरी नारायण चतुर्वेदी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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