संत रविदास जी को समर्पित भजन प्रभु जी तुम चंदन हम पानी…ने आध्यात्मिक आनंद में डुबोया
ब्रज पत्रिका, आगरा। चेतना इंडिया के तत्वावधान में चेतना कार्यालय पर एक साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन का शुभारंभ डॉ. रमेश आनंद की सरस्वती वंदना से हुआ।
स्वागत करते हुए गायत्री दीप ने कहा,
“संत मत वास्तव में सनातन मत का अगला कदम माना जाना चाहिए क्योंकि संतमत में एक आदिशक्ति को माना गया है।”
सुशील सरित ने संत रविदास के गीत “प्रभु जी तुम चंदन हम पानी…!” को संगीत बंद्ध कर प्रस्तुत किया।
अध्यक्षता करते हुए अनिल शर्मा ने कहा,
“संत चाहे वह कबीर हो रविदास हो या अन्य कोई उन्होंने जिस गहराई से आध्यात्मिक चिंतन को व्यक्त किया है, उसे समझ पाना आसान नहीं है, किंतु जीवन के रहस्य उसी में छुपे हुए हैं।”
शीलेन्द्र वशिष्ठ ने मुख्य अतिथि के रूप में श्रीराम के आगमन पर एवं प्राण प्रतिष्ठा पर केंद्रित एक रचना प्रस्तुत की। अशोक अश्रु ने रविदास जी के कुछ दोहे व्याख्या के साथ प्रस्तुत किये। डॉक्टर असीम आनंद, नीलेन्द्र श्रीवास्तव, दुर्ग विजय सिंह दीप, हरीश अग्रवाल आदि ने भी समसामयिक कविताओं का पाठ किया। दयाल प्यारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक सुशील सरित थे।