नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी की जयंती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का किया गया भावपूर्ण स्मरण
– जन नाट्य केंद्र मदिया कटरा, आगरा में नाट्य पितामह राजेन्द्र रघुवंशी के 104वें जन्म दिवस के अवसर पर हुई राजेंद्र रघुवंशी स्मरण संगोष्ठी।
-इप्टा आगरा के कलाकारों ने राजेंद्र रघुवंशी रचित गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
ब्रज पत्रिका, आगरा। जन नाट्य केंद्र मदिया कटरा, आगरा पर नाट्य पितामह राजेन्द्र रघुवंशी के 104वें जन्म दिवस के अवसर पर आगरा इप्टा द्वारा एक स्मरण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह स्मरण संगोष्ठी नाट्य पितामह स्वर्गीय राजेंद्र रघुवंशी को समर्पित थी।
दिलीप रघुवंशी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए आज के कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। दिलीप रघुवंशी ने राजेंद्र रघुवंशी जी के जन्म से लेकर और अंतिम सांस तक कला, साहित्य, पत्रकारिता, नाट्यकला, गीत संगीत आदि में राजेंद्र रघुवंशी के उल्लेखनीय योगदान का स्मरण किया। सभी उपस्थित जन ने राजेंद्र रघुवंशी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता एम. पी. दीक्षित ने की। डॉ. शशि तिवारी ने राजेंद्र रघुवंशी से संबंधित अपनी मधुर स्मृतियों को साझा किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर ज्योत्सना रघुवंशी ने राजेंद्र रघुवंशी की बहुमुखी प्रतिभा का स्मरण किया। अध्यक्षीय संबोधन में एम. पी. दीक्षित ने भी अपने राजेंद्र रघुवंशी के साथ संस्मरणों को साझा किया। नीरज मिश्रा ने भी अपने संस्मरण साझा किए।
इप्टा आगरा के कलाकारों ने राजेंद्र रघुवंशी रचित गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। सर्वप्रथम भगवान स्वरूप योगेन्द्र ने राजेंद्र रघुवंशी रचित गीत “शहीदों तुमको मेरा सलाम” प्रस्तुत किया। जय कुमार ने कविता “मैं भी कैसा पत्रकार हूँ” को प्रस्तुत किया। संगीत पक्ष परमानंद शर्मा ने संभाला और उनका साथ दिया भगवान स्वरूप योगेन्द्र, जय कुमार व सूर्यदेव ने।
इप्टा की आगरा इकाई के अध्यक्ष सुबोध गोयल ने भी अपने विचार रखे। डॉक्टर राजीव शर्मा ने राजेंद्र रघुवंशी से अपने भावनात्मक लगाव को साझा किया व नाट्य पितामह पर लिखित रचना को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित शख्शियतों में कुमकुम रघुवंशी, प्रियंका मिश्रा, मुदित जैटली, प्रताप सिंह कुशवाह, धर्मजीत, एस. के. खोसला आदि रहे। संचालन की ज़िम्मेदारी दिलीप रघुवंशी ने संभाली व धन्यवाद शकील चौहान ने ज्ञापित किया।