UA-204538979-1

द्वितीय पुण्य तिथि पर साहित्यसेवी सर्वज्ञ शेखर को साहित्यकारों ने किया याद

ब्रज पत्रिका, आगरा। साहित्यसेवा के क्षेत्र में सर्वज्ञ शेखर जैसे समर्पित साहित्यसेवी विरले ही पैदा होते हैं, जिनकी कलम ने जीवन पर्यंत समाज व राष्ट्र को दिशा प्रदान की। यह विचार वरिष्ठ साहित्यकार हरिमोहन सिंह कोठिया ने नागरी प्रचारिणी सभा के पुस्तकालय सभागार में संस्थान संगम द्वारा आयोजित स्मृतिशेष सर्वज्ञ शेखर गुप्त- “बहुत याद आते हैं सर्वज्ञ” कार्यक्रम में उनकी द्वितीय पुण्य तिथि पर व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरिमोहन सिंह कोठिया ने कहा,

“सर्वज्ञ शेखर बहुत कुछ लिखना चाहते थे, लेकिन वे अपनी छोटी से जिंदगी में बहुत कुछ कर गए। उनके अधूरे कार्यों को पूरा किए जाने की महती आवश्यकता है।”

गज़लकार अशोक रावत ने कहा कि,

“सर्वज्ञ जी देश की ज्वलंत समस्याओं पर प्रखर आलेख लिखते रहे। उनका अभाव निरंतर बना हुआ है।”

कवियत्री डॉ.शशि तिवारी ने सर्वज्ञ शेखर को साहित्य के साथ-साथ समाजसेवा में भी अग्रणी बताया। उन्होंने कहा कि,

“उनकी अभी देश व समाज को अभी बहुत आवश्यकता थी।”

नागरी प्रचारिणी सभा की उपाध्यक्ष डॉ. कमलेश नागर ने कहा कि,

“आत्मविश्वास के धनी सर्वज्ञ शेखर जी कुशल लेखक थे।”

देवेश वाजपेई ने कहा कि,

“प्रतिभावान साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर में त्वरित लेखन का अद्भुत गुण था।”

डॉ. शशि गुप्ता ने कहा कि,

“सर्वज्ञ शेखर जी के सारगर्भित लेखन में बहुत कुछ छिपा रहता था।”

डॉ. चंद्र शेखर शर्मा ने उन्हें सच्चे राष्ट्र भक्त के रूप में श्रद्धांजलि दी। सुशील सरित ने “राम रमैया गाए जा” भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन ‘संस्थान संगम’ के संपादक अशोक अश्रु विद्यासागर ने किया तथा आभार व्यक्त किया चंद्र शेखर गुप्त ने।

कार्यक्रम में ये भी रहे उपस्थित

कार्यक्रम में डा. कमलेश नागर, डॉ. मधु भारद्वाज, डा. परमानंद शर्मा, प्रेम सिंह राजावत, रमा वर्मा श्याम, ज्योत्सना सिंह, चंद्रशेखर शर्मा, डॉ. असीम आनंद, डॉ. रमेश आनंद, वी. के. गोयल, अलका अग्रवाल, रामेंद्र शर्मा रवि, राज कुमारी चौहान, डॉ. महेश धाकड़, विनय बंसल, विजया तिवारी, राज कुमार जैन, ब्रजेश शर्मा, अजय शर्मा, पद्मावती पदम, अनिल अरोड़ा संघर्ष, इंदल सिंह इंदु, एसके बग्गा, ज्योति प्रसाद आदि अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में करुणेश परिवार के चंद्रशेखर गुप्त, संजय गुप्त, आदर्श नंदन गुप्त, शरद गुप्त, अभिनव, अभिजात्य व प्रतीक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!