सीता जी के भूमि में समाने के बाद श्री राम के दुख और संताप को प्रदर्शित किया नृत्य नाटिका के माध्यम से
देशज फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से अपनी स्थापना के दसवें सालगिरह के अवसर पर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण उत्थान के लिए योगदान देने वाले 5 विशिष्ट लोगों का सम्मान किया गया।
ब्रज पत्रिका, आगरा। देशज फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से अपनी स्थापना के दसवें सालगिरह के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण उत्थान के लिए योगदान देने वाले 5 विशिष्ट लोगों का सम्मान भी किया गया। सम्मानित लोगों में ममता सिंह, संस्थापिका ज्योतिबा फुले पुस्तकालय अमेठी, अंजली सिंह, अन्नपूर्णा ट्रस्ट की संरक्षिका माया देवी कलसी, शिक्षा से जुड़े कमलेश अटवाल और शिक्षा है अनमोल रत्न के संयोजक राजमणि पाल, अमन वर्मा, डॉ. राजीव कुमार, सतीश चंद्र, राज गोपाल वर्मा को सम्मानित किया।
आयोजन के मुख्य अतिथि दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. प्रेम कुमार कॉलरा थे, और आयोजन की अध्यक्षता शील मधुर, पूर्व डीजीपी, हरियाणा सरकार, सेवानिवृत्त आईआईएस शील मधुर थे। इस अवसर पर रामनुतापम पर आधरित नृत्य-नाटिका का मंचन भी किया गया। जिसका निर्देशन रुचि शर्मा द्वारा किया गया। गीत स्वर डॉ. आन्श्वना सक्सेना के थे। श्रीराम की भावनाओं को स्वर दिया सुशील सरित ने।
सीता जी के भूमि में समाने के बाद श्री राम ने किस प्रकार दुख और संताप को अनुभव किया और उस बीच में उन्हें क्या-क्या घटनाएं स्मरण आईं, इन सबका मंचन 14 कत्थक कलाकारों ने मंच पर प्रस्तुत किया। लगभग 40 मिनट की इस नृत्य नाटिका में ग्राफिक संयोजन तरुण श्रीवास्तव ने किया।
संचालन सुशील सरित ने किया, स्वागत भाषण अरुण डंग ने दिया। के.एन. पाल, मैनेजिंग ट्रस्टी, उषा पाल, राजीव पाल, जे.के. वर्मा, बृजराज उमाकान्त, नेत्रपाल सिंह, हरि सिंह पाल, विजय लक्ष्मी शर्मा, अनिल, दिनेश श्रीवास्तव, चंद्रशेखर शर्मा, सुधीर शर्मा, डॉक्टर रमेश आनंद, यशोदा, राजेश्वरी, पद्मावती, डॉ. अशोक अश्रु इत्यादि उपस्थित रहे।