दोगुनी ग्रोथ के साथ निर्यात हब बनने की ओर बढ़ रहा आगरा
सरकार और निर्यातकों ने एक मंच पर आकर निर्यात को गति देने के लिए तैयार किया रोड मैप।
एफमेक अध्यक्ष बोले निर्यात के क्षेत्र में स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहा है भारत।
ब्रज पत्रिका, आगरा। आगरा को निर्यात का हब बनने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारें पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही हैं, आगरा वर्तमान में 5500 करोड़ के निर्यात के साथ लगातार ग्रोथ कर रहा है, यह बात अपने सम्बोधन में होटल होली-डे इन में कार्यालय संयुक्त महानिदेशालय विदेश व्यापार कानपुर, कॉउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट, जिला उद्योग केंद्र आगरा द्वारा आगरा को जिला निर्यात हब के रूप में विकसित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन प्रोग्राम में वक्ताओं ने कही।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह एवं एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, संयुक्त निदेशक विदेश व्यापार महानिदेशालय, कानपुर अमित कुमार, सहायक निदेशक सीएलई आरके शुक्ला, सहायक निदेशक एसईपीसी विक्रांत वढेरा, हेंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अस्थाना, फीओ के वाईएस गर्ग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। स्वागत सम्बोधन करते हुए सीएलई के सहायक निदेशक आरके शुक्ला ने आगरा के जूता क्लस्टर पर विस्तार से जानकारी दी।
संयुक्त निदेशक विदेश व्यापार महानिदेशालय, कानपुर अमित कुमार ने एक प्रजेंटेशन के माध्यम से मौजूद निर्यातकों को बताया कि,
“आगरा का वर्तमान निर्यात लक्ष्य 5500 करोड़ रूपए वार्षिक से बढ़ाकर 2026-27 तक दो गुना अर्थात रूपए 11000 करोड़ किया गया है। आगरा से निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद में लेदर फुटवियर, स्टोन, मार्बल, कारपेट एवं टूरिज्म से जुड़े उत्पाद इस योजना में शामिल किये गए हैं। आगरा निर्यात की दृष्टि से एक प्रमुख जिला है। जिला निर्यात हब योजना के प्रथम चरण का क्रियान्वयन प्रदेश के 6 जनपदों में किया जा रहा है, जिनमें आगरा भी शामिल है।”
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिला निर्यात योजना की प्रसंशा करते और उम्मीद जताते हुए कहा कि, निर्यातकों के सहयोग से निर्धारित का लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल होगा। साथ ही इस मौके पर जिलाधिकारी सिविल एन्क्लेव के मुद्दे पर लोगों को स्पष्ट करते हुए कहा, इसके निर्माण में कोई रोड़ा नहीं है जल्द ही इसके निर्माण को गति मिलेगी। वहीं इस मौके पर उन्होंने स्थानीय पर्यटन के विकास पर जोर देने की बात भी कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा,
“एक ज़माना था जब लोगों को योजनाओं के बारे में जानने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब वक्त बदला है अब सरकार स्वयं चलकर उधमियों के पास जा रही है, इस तरह के आयोजन करके योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं है। आज इस आयोजन के माध्यम से सरकार और निर्यातकों ने एक मंच पर आकर निर्यात को गति देने के लिए रोड मैप तैयार किया है, मुझे लगता है हम निर्यात के क्षेत्र में देश के स्वर्णिम युग की ओर आगे बढ़ रहे हैं।”
कार्यक्रम में निर्यात और निर्यतकों को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों से उनके विचार लिए गए वहीं सरकार की ओर से योजनाओं के क्रियान्वन को लेकर क्रय कर रहे संस्थानों के प्रतिनिधियों ने योजना को विस्तार से बताया।
कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट कमिश्नर डीआई एंड ईपीसी सोनाली जिंदल ने किया। कार्यक्रम में औद्यौगिक संगठनों में एफमेक, एनसीआईसी, अस्मा, एएसएफएफ, एवं हेंडीक्रफ्ट एक्सपोट्र्स ऐसोसियेशन की सहभागिता रही। इस दौरान डीडी – एसईपीसी विक्रांत वढेरा, एमएसएमई-डीआई आगरा के बीके यादव, डॉ. मुकेश शर्मा, फीओ के अलोक श्रीवास्तव, सीएफटीआई के सनातन साहू, एनएसआईसी के पुष्पेंद्र सूर्यवंशी, शू निर्यातक संजय जैन, केएस गुजराल, सुनील मनचंदा, ठाकुर सिंह, जीपी अग्रवाल, चंद्र शेखर जीपीआई, सीसीएलए के अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।
शख्शियतों के विचार
अमित कुमार, संयुक्त निदेशक, विदेश व्यापार महानिदेशालय, कानपुर ने बताया,
“जिला निर्यात हब योजना के प्रथम चरण का क्रियान्वयन प्रदेश के 6 जनपदों में किया जा रहा है जिनमें आगरा भी शामिल है। आगरा का वर्तमान निर्यात लक्ष्य 5500 करोड़ रूपए वार्षिक से बढाकर 2026-27 तक दो गुना अर्थात रूपए 11000 करोड़ किया गया है। निर्यात किये जाने वाले उत्पादों में लेदर फुटवियर, स्टोन, मार्बल, कारपेट एवं टूरिज्म से जुड़े उत्पाद शामिल हैं।”
प्रभु एन. सिंह, जिलाधिकारी, आगरा ने बताया,
“निर्यातकों के सहयोग से निर्धारित का लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल होगा। साथ ही सिविल एन्क्लेव के मुद्दे पर में लोगों को स्पष्ट करना चाहूंगा इसके निर्माण में कोई रोड़ा नहीं है जल्द ही इसके निर्माण को गति मिलेगी। आगरा के विकास के लिए यहाँ के हर छोटे बड़े पर्यटन स्थलों के व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार की आवश्यकता है इसके लिए सामूहिक प्रयास जरुरी हैं।”
पूरन डावर, अध्यक्ष, एफमेक ने बताया,
“एक ज़माना था जब लोगों को योजनाओं के बारे में जानने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे लेकिन अब वक्त बदला है अब सरकार स्वयं चलकर उधमियों के पास जा रही है तरह तरह के आयोजन करके योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं है। आज इस आयोजन के माध्यम से सरकार और निर्यातकों ने एक मंच पर आकर निर्यात को गति देने के लिए रोड मैप तैयार किया है।”