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एक समय वो भी था जब उ.प्र. में नकल कराने के लिए वोट मांगे गए। आज हम नकल विहीन शिक्षा के नाम पर वोट मांगते हैं-उच्च शिक्षा मंत्री

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनएपी) में शिक्षा को तकनीक, रोजगार और संस्कार से जोड़ा जाएगा-योगेंद्र उपाध्याय

कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर विधायक योगेन्द्र उपाध्याय का श्रद्धेय राजकुमार सामा विचार मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया गया सम्मान।

ब्रज पत्रिका, आगरा। एनएपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) में शिक्षा को तकनीक, रोजगार और संस्कार से जोड़ा जाएगा। देश के गौरव अपाला, गार्गी और दधीचि जैसे व्यक्तित्व से देश के युवाओं का परिचय होगा। अपने गौरवशाली अतीत से हमें वर्तमान को संवारना होगा। यह कहना था उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय का। वह संजय प्लेस स्थित होटल मैट्रो में श्रद्धेय राजकुमार सामा विचार मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मोतियों की माला, शॉल व एलईडी फोटो प्रदान कर उनका सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके संस्था के अध्यक्ष अंकित जैन, श्री कैलाश मंदिर के महन्त निर्मल गिरि, पूरन डाबर, जवाहर डाबर, बीरबल खान, राजेन्द्र सचदेवा, पार्षद मुकुल गर्ग, धीरज कोहली, नारायण दास, फ़िल्म एक्ट्रेस नीतिका शर्मा, प्रमोद वर्मा गुड्डू भाई आदि ने किया।

इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि,

“यह सम्मान मेरा नहीं स्व. राजकुमार सामा जी का स्नेह है, जिन्होंने हमें राजनीति की एबीसी…पढ़ाई थी।”

शिक्षा नीति पर बोलते हुए उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि,

“राजनीति के तेवर बदल रहे हैं। एक समय वो भी था जब उ.प्र. में नकल कराने के लिए वोट मांगे गए। आज हम नकल विहीन शिक्षा के नाम पर वोट मांगते हैं। दवाई और पढ़ाई मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण सुविधायें हैं, जिसे अंतिम छोर तक पहुंचना चाहिए।”

एस.एन. मेडिकल कॉलेज के गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,

“एक समय था जब पं. कमलापति त्रिपाठी जी भी यहां इलाज कराने आये थे। उसी अतीत को दोबारा लाने का प्रयास किया जा रहा है।”

उ.प्र. महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने भी विचार व्यक्त किए। वहीं इस मौके पर अतिथियों ने शहर के विकास के लिए आईटी पार्क, कृष्णा थीम पार्क, शिक्षा में प्रबंधन की कड़ी को जोड़ने जैसे उपाय भी सुझाए।

कार्यक्रम के आयोजक रंजीत सामा, महासचिव सूरज तिवारी, कोषाध्यक्ष विजय सामा आदि ने स्वागत किया। वरिष्ठ पत्रकार व संगटन मंत्री डॉ. महेश धाकड़ ने कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय का राजनीतिक सफर व उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और मंच संचालन किया।

इस मौके पर रजत ओबरॉय, जीवत राम करीरा, मनमोहन निरंकारी, प्रभात गुप्ता, संजय गोयल, सरदार मंजीत सिंह, जितेन्द्र त्रिलोकानी, वासु, अशोक अरोड़ा, संजय गोयल, जितेन्द्र त्रिलोकानी, मंगल सिंह धाकड़, संजय दुबे, अमित तिवारी, शैलेश सक्सेना, राहुल उपाध्याय आदि भी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के आयोजक रंजीत सामा ने किया।

चवन्नी में बने थे विद्यार्थी परिषद के मैम्बर

आगरा। योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि 1974 में पूरन डावर ने योगेन्द्र उपाध्याय को चवन्नी में विद्यार्थी परिषद का मैम्बर बनाया था। कांग्रेस के उस दौर में कभी नहीं सोचा था कि एमएलए या मंत्री बनेंगे। लेकिन लड़ाई देशभक्ति और सेवाभाव के उन विचारों की थी जिसे देश में स्थापित करना था। और आज उन विचारों का परचम पूरे देश में लहरा रहा है।

योगेन्द्र उपाध्याय पर बनी डॉक्यूमैन्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा

आगरा। 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्ती परिषद के कार्यकर्ता से लेकर तीन बार विधायक व कैबिनेट मंत्री बनने के सफर को 20 मिनट की डॉक्यूमैन्ट्री (आगरा के भागीरथ) द्वारा दिखाया गया। जिसे रंजीत सामा ने बनाया, हेमंत वर्मा ने निर्देशित किया और दिलीप ताहिर ने इसमें संगीत दिया। रंजीत सामा निर्मित एक और गीत भी प्रदर्शित किया गया, जिसे सूरज तिवारी ने निर्देशित किया और सुजाता शर्मा ने गाया है। इसको चुनाव के दौरान तैयार किया गया था, बोल थे- “कमल का फूल ले उड़ा योगेन्द्र उपाध्याय रे…।” इसी क्रम में हेमंत वर्मा द्वारा निर्देशित गीत “आगरा में जन्मे योगेन्द्र…” भी प्रदर्शित किया गया। इन सभी को दर्शकों ने सराहा।

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