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गुरुवर संगीत समारोह में कलाकारों ने सुंदर शास्त्रीय नृत्य और गायन से सबका मन मोहा

भारतीय संगीतालय द्वारा माथुर वैश्य भवन में आयोजित गुरुवर संगीत समारोह में सांगीतिक सेवाओं के लिए विजय राघवाचार्य का किया गया सम्मान।

ब्रजपत्रिका, आगरा। भारतीय संगीतालाय द्वारा आयोजित गुरुवर संगीत समारोह पंचकुइयां स्थित माथुर वैश्य भवन में संपन्न हुआ। संस्थान द्वारा यह सांगीतिक आयोजन प्रतिवर्ष अपने गुरुजनों के सम्मान में आयोजित किया जाता है। समारोह में बाहर से आए कलाकारों देवाशीष चक्रवर्ती (सितार), पंडित देवेन्द्र वर्मा (गायन) और धीरेन्द्र तिवारी (कथक) ने अपनी-अपनी कला का मनोहारी प्रदर्शन करके सबका दिल जीत लिया।

सर्वप्रथम भारतीय संगीतालय के छात्रों ने मां सरस्वती की राग कलावती में परंपरागत वंदना प्रस्तुत की। यह रचना दिनेश कुमार भदोरिया ने 80 के दशक में विशेषकर संस्थान के लिए लिखी थी और इसे राग बसंत में विद्यालय के विद्यार्थी रहे विजय राघव ने स्वरबद्ध किया था। बाद में इसे गजेन्द्र सिंह, संदीप वर्मा ने भी राग कलावती में स्वरबद्ध किया। यह वंदना पिछले 30 वर्षों से लगातार गाई जा रही है। वन्दना के बोल हैं-“जयति जयति जय है जय है सरस्वती माता…।” वन्दना विद्यालय के विद्यार्थियों अक्षांश, चिराग, अखिल, नीतिश सोनू, जयत, विशाल, निश्छल, रिंकू, सुनील, सूर्यांश, डॉ. दिनकर और जितेंद्र ने समवेत स्वरों में प्रस्तुत की। तबला पर भानू प्रताप सिंह और हारमोनियम पर राहुल निवरिया ने संगत की।

सरस्वती वंदना के पश्चात गुरू वंदना प्रस्तुत की गई। यह राग काफी कान्हड़ा में रचित बड़े गुरुजी पंडित नारायण लक्ष्मण गुणे जी की बंदिश थी, जिसकी विद्यालय की छात्राओं ने बड़ी मधुरता के साथ प्रस्तुति दी। बंदिश थी-“शरण तुम जाओ अपने गुरु चरण…।” इसको दीक्षा, कृतिका, दृष्टि, आंचल, दिशा, संदना, कनक, पल्लवी, विभा, रोली, कृतिका, रिदिमा, गुंजन, सीमा, वंदना, वंदना शर्मा, वंदना वरुण, प्रियंका, डॉ. कल्पना, डॉ. संगीता, डॉ. बबीता, गुरुप्रीत और दीप्ति ने अपने सुरों में पेश किया। तबला पर संगत विद्यालय के शिक्षक रविन्द्र सिंह और हारमोनियम पर किंजल शर्मा ने की।

इसके बाद समारोह में अतिथि कलाकारों की प्रस्तुतियाँ प्रारंभ हुईं। सर्वप्रथम मंच पर ग्वालियर के युवा सितार वादक देवाशीष चक्रवर्ती आए, उन्होंने राग झिंझोटी प्रस्तुत किया। अपनी मधुर प्रस्तुति से उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लिया। उनके साथ तबला पर कुशल संगत ग्वालियर के डॉ. विनय ने की।

समारोह का दूसरा आकर्षण पंडित देवेन्द्र वर्मा का गायन रहा। पंडित देवेन्द्र वर्मा आगरा के वरिष्ठ कलाकार हैं जो अब दिल्ली में निवास करते हैं। वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं। वह बजरंग के नाम से बंदिशों की रचना करते हैं। उन्होंने राग रागेश्री में बड़ा खयाल और छोटा खयाल प्रस्तुत कर वातावरण को संगीतमय बना दिया। श्रोताओं के अनुरोध पर अपने कार्यक्रम का समापन राग किरवानी के एक भजन से किया। उनके साथ तबला पर संगत पंडित हरिमोहन चक्रवर्ती ने की। हारमोनियम पर पंडित रविन्द्र तलेंगावकर थे। तानपुरा पर विद्यालय के छात्र व युवा कलाकार अमन सहगल और जयंत थे।

समारोह का समापन जयपुर घराने के कत्थक नृत्य कलाकार धीरेन्द्र तिवारी के कत्थक नृत्य से हुआ। उन्होने अपने नृत्य प्रस्तुति से संगीत रसिकजनों को बेहद प्रभावित किया। उनके साथ तबला पर पंडित योगेश गंगानी, सारंगी पर अयूब खान ने संगत की। गायन में उस्ताद समीउल्ला खां थे।

विजय राघवाचार्य को उनकी सांगीतिक सेवाओं, उपलब्धियों तथा भारतीय संगीतालय के प्रति सक्रिय योगदान हेतु सम्मानित किया

आगरा। समारोह में केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा से अवकाश प्राप्त और भारतीय संगीतालय के विद्यार्थी एवं शिशक रहे संगीत गुरू विजय राघवाचार्य (वरिष्ठ शिष्य पंडित गोपाल लक्ष्मण गुणे जी) को उनकी सांगीतिक सेवाओं, उपलब्धियों तथा भारतीय संगीतालय के प्रति सक्रिय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य गजेन्द्र सिंह ने उन्हें शाल और अभिनंदन पत्र भेंट किया। अभिनंदन पत्र का वाचन नगर के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. महेश चंद्र धाकड़ ने किया। नगर के वरिष्ठ कलाकार और नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. ए. के. भट्टाचार्य ने विजय राघवाचार्य को सम्मान पत्र भेंट किया। वहीं समारोह में विद्यालय के विद्यार्थी डॉ. सोनिका बघेल, कमो, भौमिक को प्रोत्साहन सम्मान दिया गया।

समारोह की अध्यक्षता डॉ. मधुकर चतुर्वेदी (अवकाश प्राप्त आयकर अधिकारी एवम् संगीत मर्मज्ञ) ने की। मुख्य अतिथि डॉ. आर. सी. गौतम (अवकाश प्राप्त प्रोफेसर सेंट जोन्स कॉलेज, आगरा) थे। समारोह में भारतीय संगीतालय के अध्यक्ष स्व. पंडित गजानन माधव, मदन लाल नागर और स्व. पंडित राममोहन दुबे को भी श्रद्धांजलि दी गई। वे भी आगरा के वरिष्ठ कलाकार थे। समारोह का संचालन लीना परमार ने किया। व्यवस्था और सहयोग विद्यालय के विद्यार्थियों ने किया। समारोह में नगर के संगीतप्रेमी कलाकार और विद्यार्थी भारी संख्या में उपस्थित रहे।

समारोह में स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार, वरिष्ठ कलाकार डॉ. ए. के. भट्टाचार्य, सुनील खन्ना, विजय लक्ष्मी शर्मा, पंडित अशोक राव करमरकर, प्रो. रवि भटनागर, ऋतु तिवारी, विलास पालाखे, आनंद हरिदास, संजीवनी मानेकर, प्रेरणा केशव तलेंगावकर, शुभ्रा तलेगांवकर, हरिओम माहौर, जयप्रकाश सत्यार्थी, दिनेश कुमार भारद्वाज, सुशील सरित, रुचि शर्मा, नीलू शर्मा, डॉ. अमिता त्रिपाठी, बिजेन्द्र, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. महेश चंद्र धाकड़ और पंडित मधुकर चतुर्वेदी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य गजेंद्र सिंह ने सभी का आभार प्रगट किया। धन्यवाद ज्ञापन आनंदो भट्टाचार्य ने किया।

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