नन्द के आनन्द भए जय कन्हैया लाल की…
सकारात्मक भवन, बल्केश्वर में हो रही श्रीमद भागवत सप्ताह में दिखा कृष्ण जन्म का उल्लास।
ब्रज पत्रिका, आगरा। सकारात्मक भवन, बल्केश्वर में हो रही श्रीमदभागवत सप्ताह में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म की खुशियों में श्रद्धालु झूम उठे। कथा में भागवताचार्य राकेश शर्मा ने प्रारम्भ में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,
“राजधर्म में जनतंत्र की आवाज को सुनना राजा का प्रथम कर्तव्य है। एक साधारण व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते हुए मात्र यह कहने पर कि मैं राजा राम नहीं, जो सीता हरण और लंका में रहने के बाद भी अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लूं। यह सुनकर प्रजा हित में भगवान श्रीराम ने सीता का त्याग कर दिया था। उन्होंने जनतंत्र की आवाज का सम्मान किया किया था।”

कथा में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग था। सभी ने बाल कृष्ण का पूजन किया। नन्द के आनन्द भए जय कन्हैया लाल की गूंज उठा। मुख्य यजमान अतुल गुप्ता ने श्रीमद् भागवत पुराण व व्यास पीठ का पूजन किया।

मुख्य अतिथि समाजसेवी सुरेश बरेजा ने पूजन करके आरती उतारी। आरती उतारने वालों में पार्षद अमित ग्वाला, नरेंद्र तनेजा, चंद्रेश गर्ग, वीके अग्रवाल, ममता सिंघल, रिंकू गर्ग, चंद्रभान कहरवार, रमन अग्रवाल, रवि चावला, सुरेश कंसल, विनीत अरोरा, नागेंद्र अगवाल, सोनू मित्तल, अतुल गर्ग, कृष्ण कुमार गुड्डू, विकास अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल, निशा सिंघल, नीरू शर्मा, कुमकुम उपाध्याय आदि थे।
सकारात्मक फाउंडेशन के अध्यक्ष चंद्रेश गर्ग के अनुसार कथा का समय रोजाना दोपहर 1.30 बजे से शाम पांच बजे तक है।



“राजधर्म में जनतंत्र की आवाज को सुनना राजा का प्रथम कर्तव्य है। एक साधारण व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते हुए मात्र यह कहने पर कि मैं राजा राम नहीं, जो सीता हरण और लंका में रहने के बाद भी अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लूं। यह सुनकर प्रजा हित में भगवान श्रीराम ने सीता का त्याग कर दिया था। उन्होंने जनतंत्र की आवाज का सम्मान किया किया था।”