गांधी के विचारों को जीवन का आधार मानना चाहिए, जिससे हमारे देश का सर्वांगीण विकास होगा-राकेश मिश्र
आजादी का अमृत महोत्सव एवं गांधी जयंती के उपलक्ष्य में दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ब्रज पत्रिका, आगरा। आजादी का अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ एवं गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘स्वदेश, स्वाधीनता और महात्मा गांधी की समाज दृष्टि’ विषयक कार्यक्रम का सफल आयोजन दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में किया गया।
इस समस्त कार्यक्रम को एक ऊर्जा देने का काम किया परम श्रद्धेय पी.एस. सतसंगी साहब ने, जो अध्यक्ष, शिक्षा सलाहकार समिति दयालबाग हैं। जिनका विजन ही मानव धर्म की स्थापना करना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश मिश्र, विशेष सचिव, खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने वक्तव्य में कहा कि,
“गांधी के विचारों को जीवन का आधार मानना चाहिए, जिससे हमारे देश का सर्वांगीण विकास होगा, महात्मा गांधी की जीवन पद्धति को दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने अपने जीवन मूल्यों में पूरी तरह से आत्मसात किए हुये है।”
इस कार्यक्रम की अगली कड़ी के रूप में विशिष्ट अतिथि अमित किशोर, प्रबंध निदेशक, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, ने स्वदेशी वस्तुओं के साथ साथ स्वदेशी मूल्यों को अपनाने और आज के समय में उनकी क्या उपयोगिता है, उस पर अपने विचार व्यक्त किए।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अनूप श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग ने बहुत उत्साहित होकर कहा कि,
“समवेशी समाज की स्थापना करके ही हम महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।”
प्रोफेसर के. स्वामी दयाल ने दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की शिक्षा व्यवस्था के संदर्भ की एक रूपरेखा को प्रस्तुत किया। संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर पी.के. कालरा के मार्गदर्शन में यह समस्त कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य प्रोफेसर जे.के. वर्मा और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सुखदेव राय द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नंदनी द्वारा किया गया।