पं. रघुनाथ तलेगांवकर की 96वीं जन्म जयंती पर रघुनाथांजलि का सुरमयी आयोजन
ब्रज पत्रिका, आगरा। राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संस्था संगीत कला केन्द्र, आगरा एवं पं. रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउन्डेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में संगीताचार्य, वाग्गेकार पं. रघुनाथ तलेगांवकर की 96वीं जन्म जयंती को रघुनाथांजलि के माध्यम से सुरीले अंदाज़ में मनाया गया।
सर्वप्रथम संस्था की प्रबंध न्यासी प्रतिभा केशव ने प्रथम पूज्य श्री गणेश, मां वाणी सरस्वती, पं. रघुनाथ तलेगांवकर, सुलभा तलेगांवकर एवं संगीत नक्षत्र पं. केशव रघुनाथ तलेगांवकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात संगीत कला केन्द्र, आगरा की छात्राओं मिथलेश शाक्य, गुंजन शाक्य, नयोनिका साहा एवं नीपा साहा ने पं. रघुनाथ तलेगांवकर द्वारा राग जोग में निबद्ध सरस्वती वंदना शक्ति भक्ति युक्ति दे, माता सरस्वती की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर पं. रघुनाथ तलेगांवकर द्वारा रचित सुलभ संगीत विशारद के तृतीय संस्करण का लोकार्पण संस्था अध्यक्ष रानी सरोज गौरीहार, उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, सचिव प्रतिभा केशव, श्रीकृष्ण, वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त, प्रसिद्ध रंगकर्मी दिलीप रघुवंशी, नृत्य गुरु रुचि शर्मा, समाज सेवी प्रतिभा जिंदल एवं पं. रविन्द्र तलेगांवकर द्वारा किया गया।
इसके बाद संस्था के विद्यार्थियों ने अपने दादागुरु को समर्पित स्तुति, “अर्पित है श्री गुरुवर तुमको ये स्वरांजलि हमारी…!” की सुरमयी प्रस्तुति से वातावरण को गुरु भक्ति से सराबोर कर दिया।गुरु स्तुति के बाद संगीत कला केन्द्र के उभरते साधक गोपाल मिश्र ने अपने शास्त्रीय गायन में राग नट भैरव में विलंबित रचना ताल एकताल में “समझत नाही मनवा”, मध्यलय रचना तीनताल में “चाल चलत अलबेली” तराना झपताल में प्रस्तुत किया, उसके बाद राग तोड़ी में मां दुर्गा को समर्पित रचना दुर्गे भवानी से पं. रघुनाथ तलेगांवकर को स्वरांजलि दी। ये सभी रचनाऐं पं. रघुनाथ तलेगांवकर द्वारा ही रचित थीं। आपके साथ संवादिनी पर गुरु मां प्रतिभा केशव और तबले पर हर्ष कुमार ने अत्यंत सूझ की संगत की। कार्यक्रम के अंतिम चरण में जयपुर से पधारे सुविख्यात वाॅयलिन वादक पं. रवि शंकर भट्ट तैलंग ने पंचतंत्री बेला वादन में राग तोड़ी की अवतारणा कर समारोह को सुरों के अलौकिक स्वरूप के दर्शन कराये जिसमें आपने विलंबित, मध्यलय एवं द्रुत गत ताल तीनताल में प्रस्तुत की, तत्पश्चात राग भैरवी में धुन के साथ कार्यक्रम का दिव्य समापन किया। आपके साथ तबले पर पं. राकेश रेही तथा तानपुरे डाॅ. आरती भट्ट तैलंग ने अप्रतिम संगति देकर समारोह को नवीन आयाम प्रदान किये।
इस अवसर पर पं. रवि शंकर को संस्था की ओर से “नाद तंत्री विलास”, पं. राकेश रेही, डा. आरती भट्ट तैलंग को “नाद सहोदर”, गोपाल मिश्र को “नाद साधक” के मानद् सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्था के अभिन्न अंग श्रीकृष्ण ने किया तथा संस्था की ओर से अध्यक्ष रानी सरोज गौरीहार एवं प्रबंध न्यासी प्रतिभा केशव तलेगांवकर ने सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।